भारत को साइबर युद्ध, जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने को तैयार रहना होगा: राष्ट्रपति मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि भारत को तेजी से बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए, जिसमें साइबर युद्ध और आतंकवाद जैसी राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियां शामिल हैं.
उधगमंडलम (तमिलनाडु), 28 नवंबर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि भारत को तेजी से बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए, जिसमें साइबर युद्ध और आतंकवाद जैसी राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियां शामिल हैं. साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय और वैश्विक परिदृश्यों की गहरी समझ विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया क्योंकि भू-राजनीतिक गतिशीलता ने सुरक्षा परिदृश्य को बदल दिया है. नीलगिरी जिले के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन का मुद्दा एक नया आयाम प्राप्त कर रहा है, जिसे समझने और प्रबंधित करने की आवश्यकता है. नवीनतम अत्याधुनिक तकनीक को लागू करने की आवश्यकता है. मुझे विश्वास है कि हमारे सशस्त्र कार्मिक अधिकारी भविष्य की चुनौतियों का सामना करेंगे.’’
मुर्मू ने कहा, ‘‘तेजी से बदलते भू-राजनीतिक माहौल में हमें किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार रहना होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भू-राजनीतिक गतिशीलता ने सुरक्षा परिदृश्य को बदल दिया है और राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्थितियों की गहरी समझ विकसित करने की आवश्यकता है. हमें न केवल अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करना है, बल्कि साइबर युद्ध और आतंकवाद जैसी नई राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों के लिए भी तैयार रहना है.’’ मुर्मू ने कहा कि भारत आगे बढ़ रहा है और दुनिया रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में देश की भूमिका को स्वीकार कर रही है. उन्होंने कहा कि देश सशस्त्र बलों की जरूरतों और चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि भारत को एक प्रमुख रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है और यह एक विश्वसनीय रक्षा भागीदार और रक्षा निर्यातक बनने की ओर बढ़ रहा है. यह भी पढ़ें : एमएमयू ने वक्फ विधेयक संशोधन विधेयक को लेकर जेपीसी अध्यक्ष से बैठक बुलाने की मांग की
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘भारत का रक्षा उद्योग तेजी से नवीनतम तकनीक को अपना रहा है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप आगे बढ़ रहा है.’’ उन्होंने कहा कि भारत की रक्षा कंपनियों ने एक नया मानक स्थापित किया है और उन कंपनियों के माध्यम से देश ने सौ से अधिक देशों को रक्षा उपकरण निर्यात किए हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत के रक्षा निर्यात में 30 गुना वृद्धि हुई है और ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम ने इस विकास में प्रमुख भूमिका निभाई है.