वाशिंगटन, 18 सितंबर अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा है कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी ने बहुत कम समय में गहरी जड़ें जमा ली हैं और इस सहयोग से दोनों देशों में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की प्रक्रिया तेज हो सकती है।
संधू ने कहा कि भारत के 1.3 अरब लोगों की विकास संबंधी आकांक्षाओं को पूरा करने में अमेरिका एक महत्वपूर्ण साझेदार है और मानवीय प्रयासों का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहां भारत और अमेरिका के बीच आपसी सहयोग नहीं है।
संधू ने अमेरिकी ऊर्जा विभाग द्वारा आयोजित 2020 के प्राकृतिक गैस शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए गुरुवार को कहा कि आपसी संबंधों के लिहाज से कुछ क्षेत्र हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण बनकर उभरे हैं और ऊर्जा ऐसा ही क्षेत्र है।
शिखर सम्मेलन को अमेरिकी ऊर्जा मंत्री डैन ब्रोइलेट और व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय आर्थिक परिषद की निदेशक लैरी कुडलो ने भी संबोधित किया।
संधू ने कहा, ‘‘यह जानकर खुशी होगी कि दो साल से कम अवधि में हमारी रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी ने गहरी जड़ें जमा ली हैं। भारत एक बहुत बड़ा बाजार है। हमारी ऊर्जा की आवश्यकता बढ़ेगी, क्योंकि हम प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के दूरदर्शी नेतृत्व में विकास की गति को आगे बढ़ रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, और अमेरिका प्राकृतिक गैस सहित ऊर्जा संसाधनों और अग्रणी प्रौद्योगिकियों से संपन्न है।
उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच ऊर्जा साझेदारी से दोनों देशों में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की प्रक्रिया भी तेज हो सकती है।
भारत अब अमेरिकी कच्चे तेल के लिए चौथा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय बाजार है और अमेरिकी एलएनजी के लिए पांचवां सबसे बड़ा बाजार है।
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