देश की खबरें | भारत-यूएई साझेदारी में दिखती है आदर्श संबंधों की झलक : जयशंकर
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने शुक्रवार को महत्वाकांक्षी भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईईसी) के कार्यान्वयन पर चर्चा की और दीर्घकालिक आपूर्ति एवं सहयोग सहित ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।
नयी दिल्ली, 13 दिसंबर भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने शुक्रवार को महत्वाकांक्षी भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईईसी) के कार्यान्वयन पर चर्चा की और दीर्घकालिक आपूर्ति एवं सहयोग सहित ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।
ऊर्जा, कनेक्टिविटी तथा व्यापार के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा बनाने के तरीकों पर 15वीं भारत-यूएई संयुक्त आयोग बैठक (जेसीएम) में प्रमुखता से चर्चा हुई।
नयी दिल्ली में आयोजित इस बैठक की सह-अध्यक्षता विदेश मंत्री एस जयशंकर और यूएई के उनके समकक्ष शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान ने की।
जयशंकर ने बैठक में अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा कि भारत-यूएई व्यापक रणनीतिक साझेदारी में एक ‘‘आदर्श’’ संबंधों की झलक दिखाई देती है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध न केवल बहुत मजबूत हैं, बल्कि तेजी से ‘‘विविधतापूर्ण और गहरे’’ हो रहे हैं।
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘मई 2022 में व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) के लागू होने के बाद से व्यापार लगातार बढ़ा है और अब यह 85 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है।’’
दोनों विदेश मंत्रियों ने कल रात भारत-यूएई रणनीतिक वार्ता से संबंधित बैठक में रक्षा, उभरती प्रौद्योगिकियों, परमाणु ऊर्जा, ध्रुवीय अनुसंधान, महत्वपूर्ण खनिजों और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्रों में दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करने पर भी विचार-विमर्श किया।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, जेसीएम में जयशंकर और अल नाहयान ने भारत-यूएई द्विपक्षीय निवेश संधि पर हस्ताक्षर और इसके कार्यान्वयन का स्वागत किया।
समझा जाता है कि दोनों विदेश मंत्रियों ने गाजा की स्थिति के साथ-साथ सीरिया के घटनाक्रम पर भी चर्चा की।
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