नयी दिल्ली, 13 दिसंबर भारत और फिलीपीन ने दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों पर नियम आधारित व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में संयुक्त रूप से काम करने का संकल्प लिया।
मनीला में पहली भारत-फिलीपीन समुद्री वार्ता में द्विपक्षीय नौसैन्य संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर प्रमुखता से चर्चा हुई।
हाइड्रोकार्बन का विशाल स्रोत माने जाने वाले समूचे दक्षिण चीन सागर पर संप्रभुता के चीन के व्यापक दावों से वैश्विक चिंताएं बढ़ रही हैं। वियतनाम, फिलीपीन और ब्रुनेई सहित क्षेत्र के कई देश इस पर अपना दावा भी करते हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘बातचीत के दौरान, दोनों पक्षों ने मौजूदा समुद्री चुनौतियों पर दृष्टिकोण का आदान-प्रदान किया और पारस्परिक विकास एवं वैश्विक कल्याण के लिए अनुकूल माहौल को आगे बढ़ाने में समुद्री सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।’’
इसने कहा कि दोनों पक्षों ने नियम-आधारित व्यवस्था, विशेष रूप से समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र संधि का पालन करने पर जोर दिया और इसे बनाए रखने के लिए समुद्री क्षेत्र में सहयोग पहल पर बात की।
भारत और कई अन्य लोकतांत्रिक देश दक्षिण चीन सागर में विवादों के शांतिपूर्ण समाधान तथा अंतरराष्ट्रीय कानून, खासकर यूएनसीएलओएस (समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र संधि) के पालन पर जोर देते रहे हैं।
पिछले कुछ वर्षों में भारत और फिलीपीन के बीच रक्षा संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
बढ़ते सैन्य संबंधों की कड़ी में भारत ने अप्रैल में फिलीपीन को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की पहली खेप सौंपी थी।
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