देश की खबरें | राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे पर भारत आत्मनिर्भर हो रहा, दुनिया में हमारी बात सुनी जा रही है : भागवत

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने श्रीलंका की संकट में मदद करने और यूक्रेन संघर्ष का उल्लेख करते हुए बुधवार को कहा कि इन घटनाक्रम से स्पष्ट है कि हमारे देश की बात दुनिया में सुनी जा रही है और राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे पर भारत अधिक आत्मनिर्भर बन रहा है।

नागपुर, पांच अक्टूबर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने श्रीलंका की संकट में मदद करने और यूक्रेन संघर्ष का उल्लेख करते हुए बुधवार को कहा कि इन घटनाक्रम से स्पष्ट है कि हमारे देश की बात दुनिया में सुनी जा रही है और राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे पर भारत अधिक आत्मनिर्भर बन रहा है।

विजय दशमी उत्सव पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सरसंघचालक ने कहा कि भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में आर्थिक तथा विकास नीति रोजगार- उन्मुख हो, यह अपेक्षा स्वाभाविक ही की जाएगी लेकिन रोजगार का मतलब केवल नौकरी नहीं है, ...यह समझदारी समाज में भी बढ़ानी पड़ेगी।

उन्होंने कहा कि कोई काम प्रतिष्ठा में छोटा या हल्का नहीं है, परिश्रम, पूंजी तथा बौद्धिक श्रम सभी का महत्व समान है, यह मान्यता व तदनुरूप आचरण हम सबका होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि उद्यमिता की ओर जाने वाली प्रवृत्तियों को प्रोत्साहन देना होगा, तथा इस बात पर जोर देना होगा कि प्रत्येक जिले में रोजगार प्रशिक्षण की विकेन्द्रित योजना बने तथा अपने जिले में ही रोजगार प्राप्त हो सकें ।

देश के विकास के संदर्भ में सरसंघचालक ने कहा कि भारत के बल में, शील में तथा जगत प्रतिष्ठता में वृद्धि का निरंतर क्रम देखकर सभी आनंदित हैं और इस राष्ट्रीय नवोत्थान की प्रक्रिया को अब सामान्य व्यक्ति भी अनुभव कर रहा है।

भागवत ने कहा कि सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने वाली नीतियों का अनुसरण शासन द्वारा किया जा रहा है तथा विश्व के राष्ट्रों में अब भारत का महत्व और विश्वसनीयता बढ़ गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘ विश्व के राष्ट्रों में अब भारत का महत्व तथा विश्वसनीयता बढ़ गयी है तथा सुरक्षा क्षेत्र में हम अधिकाधिक स्वावलंबी होते चले जा रहे हैं।’’

सरसंघचालक ने कहा कि कोविड महामारी की विपदा से निकल कर देश की अर्थव्यवस्था पूर्व की स्थिति प्राप्त कर रही है।

उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत के आगे बढ़ने का वर्णन नयी दिल्ली में कर्तव्य - पथ के उद्घाटन समारोह के समय प्रधानमंत्री ने किया । उन्होंने कहा कि शासन द्वारा स्पष्ट रूप से घोषित यह दिशा अभिनन्दन योग्य है, परन्तु इस दिशा में हम सब मन, वचन, कर्म से एक होकर चलें, इसकी आवश्यकता है ।

सरसंघचालक ने कहा कि आत्मनिर्भरता के पथ पर बढ़ने के लिए शासन, प्रशासन व समाज को स्पष्ट तथा समान रूप से समझाना एक अनिवार्य, पूर्व शर्त है। उन्होंने कहा कि इस पथ पर आगे बढ़ते समय आवश्यकता पड़ने पर कुछ लचीलापन धारण करना पड़ता है।

भागवत ने कहा कि समय के साथ कुछ चीज़ें बदलती हैं, कुछ विलुप्त हो जाती हैं तथा कुछ नयी बातें व परिस्थितियाँ जन्म भी लेती हैं ।

उन्होंने कहा कि ऐसे में नयी रचना बनाते समय हमें परम्परा व सामयिकता के बीच समन्वय करना पड़ता है ।

संघ प्रमुख ने कहा कि समाज का सबल व सफल सहयोग ही देश की सुरक्षा व एकात्मता को पूर्णत: निश्चित कर सकता है क्योंकि समाज की सशक्त भूमिका के बिना कोई भला काम अथवा कोई परिवर्तन यशस्वी व स्थायी नहीं हो सकता ।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\