वाशिंगटन, 28 अप्रैल अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते सामरिक अभिसरण का हवाला देते हुए कहा कि भारत ने जरूरत के चलते रूस के साथ साझेदारी की थी क्योंकि अमेरिका उस समय भारत के साथ साझेदारी करने की स्थिति में नहीं था।
ब्लिंकन ने सांसदों से बुधवार को कहा, ‘‘ भारत की बात करें तो, उनके साथ संबंध दशकों पुराने हैं और भारत ने जरूरत के चलते रूस से साझेदारी की थी क्योंकि तब हम एक साझेदार बनने की स्थिति में नहीं थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ अब, हम इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। मुझे लगता है कि अमेरिका और भारत के बीच सामरिक अभिसरण बढ़ रहा है।’’
‘सीनेट एप्रोप्रिएशन सबकमेटी ऑन स्टेट फोरेन ऑपरेशन’ की कांग्रेस में सुनवाई के दौरान सांसद विलियम हैगर्टी के एक सवाल के जवाब में ब्लिंकन ने कहा, ‘‘ यकीनन, चीन इसका बड़ा हिस्सा है।’’
हैगर्टी ने भारत और अमेरिकी संबंधों पर ब्लिंकन को अपने विचार साझा करने को कहा था।
हैगर्टी ने कहा, ‘‘ जो कुछ हमारे सामने है और जो हम देख रहे हैं उससे मुझे यकीन है कि अल्पावधि के मतभेद में हमें बहुत निराशा होती है और आप हर दिन उससे निपटने की कोशिश करते हैं। लेकिन दीर्घावधि में, भारत के साथ हमारी जो रणनीतिक साझेदारी है, वह 21वीं सदी में और अधिक अच्छा करने का अवसर प्रदान करती है।’’
ब्लिंकन ने इसके जवाब में कहा कि वह हैगर्टी की बात से काफी हद तक सहमत हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि इस साझेदारी में सबसे महत्वपूर्ण और मूलभूत साझेदारियों में से एक बनने की क्षमता है...’’
ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने ‘‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय नेतृत्व के साथ सीधे जुड़ने के लिए काफी प्रयास किए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने क्वाड को बढ़ावा दिया, जो भारत को ऑस्ट्रेलिया, जापान और हमसे जोड़ता है। भारत के साथ विभिन्न मोर्चों पर हमारे सहयोग को मजबूत करने के लिए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण जरिया रहा है।’’
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