नयी दिल्ली, सात अप्रैल चीनी मिलों ने एक अक्टूबर से शुरु चालू विपणन वर्ष 2021-22 में अब तक 58.10 लाख टन चीनी का निर्यात किया है।
अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ (एआईएसटीए) ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि करीब छह लाख टन चीनी निर्यात के रास्ते में है।
इसमें कहा गया है कि मिलों ने विपणन वर्ष 2021-22 में अब तक बिना सरकारी सब्सिडी के 74 लाख टन चीनी निर्यात करने का अनुबंध किया है।
चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर महीने तक चलता है। इस साल चीनी का निर्यात बिना सरकारी सब्सिडी के किया जा रहा है।
एआईएसटीए के अनुसार, चीनी मिलों ने इस साल अक्टूबर 2021 से सात अप्रैल तक कुल 58.10 लाख टन चीनी का निर्यात किया है।
इसमें से 49.60 लाख टन चीनी मिलों और व्यापारी निर्यातकों द्वारा सीधे निर्यात किया गया है, और 8.50 लाख टन रिफाइनिंग और विदेशी आपूर्ति के लिए भारतीय रिफाइनरियों को दिया गया है।
निर्यात मकसद से चीनी परिवहन के लिए रेल वैगनों की कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए, एआईएसटीए के अध्यक्ष प्रफुल्ल विठलानी ने कहा कि रेलवे गेहूं की आवाजाही को प्राथमिकता दे रहा है, जिससे चीनी निर्यात के लिए रेल वैगनों की उपलब्धता प्रभावित हो रही है तथा निर्यातकों को वैगनों की व्यवस्था करने में मुश्किल हो रही है।
उन्होंने कहा कि कच्ची चीनी की अंतरराष्ट्रीय कीमत लगभग 19 सेंट प्रति पाउंड है, जिससे भारतीय चीनी मिलों को अतिरिक्त चीनी स्टॉक को खपाने और किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान करने का अवसर मिल रहा है।
विठलानी ने कहा कि सरकार को विपणन वर्ष 2022-23 के लिए 60 लाख टन शुरुआती स्टॉक रखने के बाद अधिकतम चीनी का निर्यात करने की अनुमति देनी चाहिए।
विपणन वर्ष 2020-21 के दौरान, देश ने रिकॉर्ड 72.3 लाख टन चीनी का निर्यात किया था। अधिकतम चीनी निर्यात सरकारी सब्सिडी की मदद से किए गए थे।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)