नयी दिल्ली, 18 सितंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत का सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरना महज एक इत्तेफाक नहीं है क्योंकि इसके सरल और टिकाऊ समाधानों ने कमजोर और हाशिए पर पड़े लोगों को देश की विकास गाथा का नेतृत्व करने के लिए सशक्त बनाया है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ई-बुक, ‘पीपुल्स जी20’ में एक लेख में मोदी ने कहा कि जी20 अध्यक्ष के रूप में भारत ने वैश्विक मंच को बड़ा बनाने का संकल्प लिया, यह सुनिश्चित करते हुए कि हर आवाज सुनी जाए और हर देश योगदान दे सके।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि हमने कार्यों और परिणामों के साथ अपनी प्रतिज्ञा पूरी की है।’’
भारत नवंबर तक जी20 की अध्यक्षता करेगा और दिसंबर से ब्राजील इसकी कमान संभालेगा।
मोदी ने कहा कि भारत के लिए जी20 की अध्यक्षता महज एक उच्चस्तरीय कूटनीतिक प्रयास नहीं है क्योंकि ‘‘लोकतंत्र की जननी और विविधता के मॉडल’’ के रूप में इसने दुनिया के लिए अनूठे अनुभव के द्वार खोले हैं।
उन्होंने कहा कि आज बड़े पैमाने पर चीजों को पूरा करना एक ऐसा गुण है जो भारत से जुड़ा है और जी20 की अध्यक्षता कोई अपवाद नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह एक जन-आंदोलन बन गया है। भारत भर में 60 भारतीय शहरों में 200 से अधिक बैठकें आयोजित की गई हैं, जिसमें हमारी अध्यक्षता के कार्यकाल के अंत तक 125 देशों के लगभग 100,000 प्रतिनिधियों की मेजबानी शामिल है।’’
उन्होंने कहा कि भारत की जनसांख्यिकी, लोकतंत्र, विविधता और विकास के बारे में किसी और से सुनना एक बात है, तथा उन्हें सीधे अनुभव करना बिलकुल अलग है।
मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि जी20 प्रतिनिधि इसकी पुष्टि करेंगे।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)