वाशिंगटन, 23 अप्रैल विश्व बैंक ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते इस साल भारत में विदेशों से धन प्रेषण 23 प्रतिशत घटकर 64 अरब डॉलर रह जाने की आशंका है, जो पिछले साल 83 अरब डॉलर था।
विश्व बैंक ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘भारत में धन प्रेषण 2020 के दौरान लगभग 23 प्रतिशत घटकर 64 अरब अमेरिकी डॉलर रह जाने का अनुमान है, जबकि 2019 के दौरान यह 83 अरब डॉलर था।’’ यह रिपोर्ट प्रवास और धन प्रेषण पर कोविड-19 के प्रभाव के संबंध में है।
रिपोर्ट में कहा गया कि कोविड-19 महामारी और इसके चलते लॉकडाउन के कारण इस साल पूरी दुनिया में धन प्रेषण में 20 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है।
रिपोर्ट के मुताबिक ये गिरावट हाल के इतिहास में सबसे अधिक है और मोटेतौर पर प्रवासी श्रमिकों के वेतन और रोजगार में कमी के कारण ऐसा होगा।
विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष डेविड मलपास ने कहा कि धन प्रेषण विकासशील देशों की आय का एक प्रमुख साधन है, जबकि कोविड-19 के कारण जारी आर्थिक मंदी के चलते प्रवासी मजदूरों की घर पैसे भेजने की क्षमता पर भारी असर पड़ा है।
उन्होंने कहा कि धन प्रेषण से उन परिवारों को भोजन, स्वास्थ्य देखभाल और बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलती है। ऐसे में विश्व बैंक समूह धन प्रेषण चैनलों को खुला रखने और इससे संबंधित बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए काम कर रहा है।
विश्व बैंक का अनुमान है कि पाकिस्तान में घन प्रेषण में लगभग 23 प्रतिशत गिरावट होगी, जबकि बांग्लादेश में 22 प्रतिशत, नेपाल में 14 प्रतिशत और श्रीलंका में 19 प्रतिशत कमी हो सकती है।
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