नयी दिल्ली, 19 सितंबर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक राकेश अस्थाना ने शनिवार को कहा कि भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपराधियों को मारने की घटनाओं को ‘‘बहुत हद तक कम किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि बीएसएफ की ओर से गोली तभी चलती है जब सीमापार से आए अवांछित तत्वों से जवानों को जान का खतरा होता है।
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अस्थाना ने ढाका में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के अधिकारियों के साथ चार दिवसीय द्विवार्षिक वार्ता के अंतिम दिन यह कहा।
बैठक के दौरान बीजीबी के दल की अध्यक्षता मेजर जनरल शफीनुल इस्लाम कर रहे थे।
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दिल्ली में जारी एक वक्तव्य में बीएसएफ के प्रवक्ता ने कहा, “बीएसएफ प्रमुख ने कहा कि सीमा पर अपराधियों को पकड़ते या मारते समय उनकी नागरिकता नहीं देखी जाती। उन्होंने कहा कि बीएसएफ कर्मी गैर-घातक हथियारों से आत्मरक्षा में तभी गोली चलाते हैं जब उन्हें डाह (चाकू) जैसे हथियार लिए बदमाशों द्वारा घेर लिया जाता है और जवानों की जान को खतरा होता है।”
वक्तव्य में कहा गया, “डीजी बीएसएफ ने आश्वासन दिया कि सीमा पर मौत की घटनाओं को निकट भविष्य में बहुत हद तक कम किया जाएगा।”
अस्थाना ने कहा कि मानवाधिकारों की रक्षा और सीमा पर हिंसा को रोकने के लिए संयुक्त रूप से प्रयास किए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष सीमा पर अतिरिक्त सावधानी बरतने, जन जागरूकता के कार्यक्रम चलाने, सामाजिक-आर्थिक विकास के कार्यक्रम चलाने और सूचनाएं साझा करने पर सहमत हुए।
दोनों पक्षों के बीच महानिदेशक स्तर की यह 50वीं बैठक थी। अगली बार वार्ता भारत में होगी।
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