वहीं, पाकिस्तान मुस्लिम लीग पार्टी ने इमरान खान की पार्टी के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा है कि इससे राजनीतिक संकट और गहरा होगा और देश में संसदीय चुनाव जल्दी कराना मजबूरी हो जाएगी।
विपक्ष के नेता के रूप में खान समय से पहले चुनाव कराने की मांग को लेकर रैलियां कर रहे हैं और पिछले साल अप्रैल में संसद में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से उनकी सरकार को गिराये जाने को बगैर किसी सबूत के गैरकानूनी करार दे रहे हैं।
उन्होंने अपनी सरकार के गिरने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पाकिस्तान की सेना और अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है। शरीफ, सेना के अधिकारियों और अमेरिका, तीनों ने इन आरोपों से इनकार किया है।
बुधवार को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के गवर्नर गुलाम अली ने स्थानीय एसेंबली को भंग कर दिया।
खान की पार्टी पीटीआई दोनों प्रांतों में बहुमत में थी। प्रांतीय एसेंबली भंग होने के बाद अब दोनों प्रांतों में मध्यावधि चुनाव होंगे।
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