इस्लामाबाद, 23 अप्रैल पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान शनिवार को अपने उस विचार पर कायम रहे कि जिसमें उन्होंने उनकी सरकार गिराये जाने के पीछे अमेरिकी साजिश का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि नई सरकार के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक और उसके नये बयान ने उनकी बात को साबित कर दिया है।
पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) ने शुक्रवार को कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री खान के दावों के विपरीत उनकी सरकार को गिराने के पीछे कोई विदेशी साजिश नहीं थी।
इसके साथ ही देश की शीर्ष सुरक्षा एजेंसी ने पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा बार-बार किए गए दावे को खारिज कर दिया था कि अमेरिका ने विपक्षी दलों की मदद से पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की सरकार गिराई है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद एनएससी ने एक बयान जारी कर कहा था कि उसने वाशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास से पिछले महीने प्राप्त टेलीग्राम पर चर्चा की।
गौरतलब है कि इमरान खान ने इसी टेलीग्राम को आधार बनाकर आरोप लगाया है कि स्वतंत्र विदेश नीति अपनाने के कारण अमेरिका ने षड्यंत्र करके उनकी सरकार गिरायी है।
‘जियो न्यूज’ की खबर के अनुसार हालांकि, खान ने अपने दावे को मजबूत करने के लिए एनएससी का हवाला दिया।
प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि एनएससी की बैठक में इस बात का समर्थन किया गया कि केबल वास्तविक थी और अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत ने अमेरिकी अधिकारी डोनाल्ड लू के साथ बैठक की थी।
पीटीआई अध्यक्ष खान ने कहा कि अमेरिकी अधिकारी ने पाकिस्तान के राजदूत से कहा कि अगर उन्हें पद से हटा दिया गया तो इस्लामाबाद के लिए सब कुछ माफ कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी दूत के साथ लू की मुलाकात के बाद, पीटीआई के सहयोगियों को "यह एहसास" होने लगा कि देश की स्थिति ठीक नहीं है और तत्कालीन सरकार को सत्ता से हटाने की जरूरत है।
अमेरिका ने इमरान के दावों का स्पष्ट रूप से खंडन किया है।
अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा था कि अमेरिका हमेशा से कहता रहा है कि "उन अफवाहों में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है, इसलिए हम इस बयान का स्वागत करते हैं।"
खान ने कहा कि एनएससी के नए बयान के बाद यह भी पुष्टि हो गई है कि राजनीतिक प्रमुख और हमारे कुछ सहयोगी इस बात से अनजान थे कि वे एक विदेशी साजिश का हिस्सा थे।
खान ने आरोप लगाया कि लंदन में बैठे व्यक्ति - पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) प्रमुख नवाज शरीफ, उनके भाई प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष एवं पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी सभी का इसका हिस्सा थे।
उन्होंने आरोप लगाया, "वे सभी इस साजिश में शामिल थे।"
इस बीच, खान ने उच्चतम न्यायालय से अमेरिकी केबल की जांच करने और खुली सुनवाई करने की अपील की।
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