जरुरी जानकारी | बारिश के कारण कम आवक से मूंगफली तेल-तिलहन में सुधार

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. बारिश के कारण मंडियों में आवक घटने के बीच देश के थोक तेल-तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को मूंगफली तेल-तिलहन के दाम मजबूत बंद हुए जबकि 14-15 दिन बाद सरकार की ओर से 4,892 रुपये क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सोयाबीन खरीद होने की उम्मीद के कारण सोयाबीन तिलहन के दाम भी मजबूती दर्शाते बंद हुए। उल्लेखनीय है कि पहले सोयाबीन तिलहन एमएसपी से नीचे दाम पर बिक रहा था लेकिन अब इसमें सुधार आया है।

नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर बारिश के कारण मंडियों में आवक घटने के बीच देश के थोक तेल-तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को मूंगफली तेल-तिलहन के दाम मजबूत बंद हुए जबकि 14-15 दिन बाद सरकार की ओर से 4,892 रुपये क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सोयाबीन खरीद होने की उम्मीद के कारण सोयाबीन तिलहन के दाम भी मजबूती दर्शाते बंद हुए। उल्लेखनीय है कि पहले सोयाबीन तिलहन एमएसपी से नीचे दाम पर बिक रहा था लेकिन अब इसमें सुधार आया है।

बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि लगभग दो सप्ताह बाद सरकार की ओर से किसानों से एमएसपी पर सोयाबीन (एमएसपी-4,892 रुपये क्विंटल) की खरीद शुरू होने की उम्मीद में सोयाबीन तिलहन के दाम मजबूत हो गये। दूसरी ओर, कम आपूर्ति (शॉर्ट सप्लाई) की वजह से जो सोयाबीन तेल अधिक प्रीमियम दाम से बिक रहा था, उस प्रीमियम के दाम के घटने के कारण सोयाबीन तेल कीमतों में मौजूदा गिरावट दिख रही है लेकिन अब भी यह तेल थोड़े कम प्रीमियम के साथ बिक रहा है।

उन्होंने कहा कि यही हाल कच्चे पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल का है। ये दोनों तेल जो प्रीमियम राशि के साथ बिक रहे थे, उस प्रीमियम के अब खत्म होने तथा पाम, पामोलीन के नये माल की आवक लगभग 15 अक्टूबर के बाद शुरू होने की उम्मीद के कारण मौजूदा गिरावट आई है।

सूत्रों ने कहा कि आयातित तेलों के दाम टूटने का असर बिनौला तेल पर भी आया और बिनौला तेल के दाम में गिरावट आई। दूसरी ओर सामान्य कारोबार के बीच सरसों तेल-तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे।

सूत्रों ने कहा कि बिनौला के मिलावटी खल के फलते-फूलते कारोबार को रोकना कपास उत्पादक किसानों के हित में है। मिलावटी खल का दाम कम रखे जाने से कपास किसान हतोत्साहित होते हैं और उन्हें अपनी उपज कम दाम पर बेचने के लिए मजबूर किया जाता है। यह अंतत: कपास उत्पादन को प्रभावित कर सकता है। केन्द्र और राज्य सरकारों को समन्वित प्रयास करते हुए मिलावटी खल के कारोबार पर प्रतिबंध लगाने का अचूक उपाय करना चाहिये।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन - 6,625-6,675 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली - 6,300-6,575 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,750 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल - 2,245-2,545 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,950 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,175-2,275 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,175-2,290 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,300 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,750 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,600 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 12,100 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,650 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,700 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,500 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना - 4,675-4,720 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,275-4,520 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,225 रुपये प्रति क्विंटल।

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