नयी दिल्ली, 25 अप्रैल वैश्विक बाजारों में तेजी तथा निर्यात के साथ-साथ स्थानीय मांग के कारण दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह सरसों, सोयाबीन, सीपीओ सहित लगभग सभी तेल-तिलहन कीमतों में सुधार देखने को मिला जबकि लॉकडाउन के कारण मांग प्रभावित होने से पामोलीन दिल्ली तथा ऊंचे भाव पर लिवाली घटने से मूंगफली तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट दर्ज हुई।
बाजार सूत्रों ने कहा कि सरसों की नयी फसल आने के बावजूद भारी मांग के बीच किसान कम भाव पर बिकवाली से बच रहे हैं और मंडियों में अपना माल रोक-रोक कर ला रहे हैं। आयातित तेलों से सस्ता होने और लॉकडाउन में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों की मांग बढ़ने के कारण सरसों तेल-तिलहन कीमतों में सुधार आया। इस तेल के सस्ता होने से सरसों में मिलावट नहीं की जा रही है।
सूत्रों ने कहा कि महंगा होने के कारण किसी के भी पास सोयाबीन का स्टॉक नहीं है। जबकि पॉल्ट्री वालों की घरेलू मांग के साथ सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की भारी निर्यात मांग है। इस बढ़ती मांग के बीच समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन तेल-तिलहन कीमतों में पर्याप्त लाभ दर्ज हुआ।
दूसरी ओर ऊंचे भाव पर मांग प्रभावित होने की वजह से मूंगफली तेल-तिलहनों की कीमतों में हानि दर्ज हुई।
उन्होंने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताहांत में मलेशिया एक्सचेंज में तेजी के बीच सीपीओ और पामोलीन कांडला तेल कीमतों में सुधार का रुख रहा जबकि लॉकडाउन में मांग प्रभावित होने की वजह से सीपीओ और पामोलीन दिल्ली तेल की कीमत हानि दर्शाती बंद हुई।
सूत्रों ने कहा कि अभी कुछ राज्यों में सूरजमुखी की बुवाई की जा रही है और सरकार को इसका उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहन देना जारी रखना होगा। अगले एक डेढ़ महीने में सोयाबीन की बुवाई होगी और इस वक्त मंडियों में अफरा तफरी पैदा करने के मकसद से झूठी अफवाहों के जरिये किसानों को हतोत्साहित करने वाले तत्वों से कड़ाई से निपटने की आवश्यकता है। ऐसे अफवाहबाज तत्वों पर लगाम लगाकर ही देश तिलहन मामले में आत्मनिर्भरता हासिल कर सकता है।
पिछले सप्ताह सरसों दाना का भाव 160 रुपये बढ़कर 7,210-7,260 रुपये प्रति क्विन्टल हो गया जो इससे पिछले सप्ताहांत 7,000-7,100 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ था। सरसों दादरी तेल का भाव भी 350 रुपये सुधरकर 14,850 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ। सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी टिनों के भाव भी समीक्षाधीन सप्ताहांत में 35-35 रुपये सुधार के साथ क्रमश: 2,240-2,320 रुपये और 2,420-2,450 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए।
विदेशों में तेजी के रुख के बीच सोयाबीन के तेल रहित खल की स्थानीय पॉल्ट्री फर्मो के अलावा विदेशों से भारी मांग है जिससे सोयाबीन तेल-तिलहन कीमतों में सुधार देखा गया। सोयाबीन दाना और लूज का भाव क्रमश: 450 रुपये और 350 रुपये का सुधार दर्शाता क्रमश: 7,650-7,750 रुपये और 7,450-7,550 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ।
सोयाबीन दिल्ली, इंदौर और सोयाबीन डीगम का भाव क्रमश: 100 रुपये, 250 रुपये और 200 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 15,300 रुपये, 15,050 रुपये और 14,150 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ।
ऊंचे भाव पर मांग प्रभावित होने से मूंगफली दाना 90 रुपये की हानि के साथ 6,470-6,515 रुपये, मूंगफली गुजरात 300 रुपये हानि के साथ 14,950 रुपये क्विन्टल तथा मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड का भाव 25 रुपये की हानि के साथ 2,545-2,605 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।
सप्ताह के दौरान कच्चा पाम तेल (सीपीओ) का भाव 150 रुपये बढ़कर 12,250 रुपये प्रति क्विन्टल हो गया। मांग प्रभावित होने से जहां पामोलीन दिल्ली का भाव जहां 50 रुपये की हानि के साथ 13,950 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ, वहीं पामोलीन कांडला तेल के भाव समीक्षाधीन सप्ताहांत में 50 रुपये का सुधार दर्शाते 12,950 रुपये प्रति क्विंटल हो गये।
बाकी तेलों में तिल मिल डिलिवरी का भाव 300 रुपये और बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा) का भाव क्रमश: 300 रुपये और 350 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 16,000-18,500 रुपये और 14,950 रुपये प्रति क्विन्टल हो गया।
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