नयी दिल्ली, सात दिसंबर दिल्ली की एक अदालत ने एक महिला को एक रिश्तेदार के साथ मिलकर पूर्व नियोजित साजिश के तहत पति की हत्या का दोषी ठहराते हुए कहा है कि अवैध संबंध धोखाधड़ी का ‘‘सबसे बड़ा हथियार’’ है, जो पूरे परिवार को बर्बाद कर देता है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने शांति और उसके रिश्तेदार सतेंद्र शर्मा को भादसं की धाराओं --302 (हत्या), 201 (सबूत गायब करने), 120-बी (आपराधिक साजिश)और 34 (साझा इरादा) के तहत दोषी पाया।
इन अपराधों में अधिकतम सजा मृत्युदंड हो सकती है। अदालत ने सजा पर दलीलों के लिये सुनवाई की तारीख 10 दिसंबर तय की।
न्यायाधीश ने दो दिसंबर को अपने आदेश में कहा, ‘‘अवैध संबंध धोखाधड़ी का ‘‘सबसे बड़ा हथियार’’ है, जो पूरे परिवार को बर्बाद कर देता है। अवैध संबंध तबाही के लिए सटीक मिश्रण है। अधिकतर समय, यह परिवार को नरक में तब्दील कर देता है। यह मामला इसका सटीक उदाहरण है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा सुविचारित मत है कि मृतक (दिलीप शर्मा) अपने सुरक्षित मकान के प्रांगण में मृत पाया गया था, इससे निस्संदेह निष्कर्ष निकलता है कि दिलीप की आरोपियों ने सुनियोजित साजिश कर हत्या की।’’
अदालत ने कहा कि दिलीप शर्मा की रिश्तेदार की गवाही से स्पष्ट है कि दोनों ही आरोपियों के बीच अवैध संबंध था।
वैसे सुनवाई के दौरान शांति और सतेंद्र ने दावा किया कि उन्हें इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है और वे निर्दोष हैं। उन्होंने दावा किया कि दिलीप घर की सीढ़ी से फिसलकर गिर गया और मर गया।
अभियोजन के अनुसार 2015 में दिलीप पूर्वी दिल्ली के ब्रह्मपुरी में अपने मकान में मृत मिला था। पुलिस को उसके शरीर पर जख्म मिले थे तथा उसके चेहरे एवं गले पर खून के निशान थे।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)