भारतीय चमगादड़ों की दो प्रजातियों में 'बैट कोरोना वायरस' मौजूद, आईसीएमआर ने किया बड़ा खुलासा

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) का यह अध्ययन इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित हुआ है.

इस गांव में चमगादड़ को शुभ माना जाता है ( Photo Credit: Facebook )

नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी द्वारा विश्व को अपनी चपेट में लिये जाने के बीच भारतीय अनुसंधानकर्ताओं को केरल, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी और तमिलनाडु में चमगादड़ों की दो प्रजातियों में अलग तरह के कोरोना वायरस – ‘‘बैट कोरोना वायरस (बैट कोव)’’ की मौजूदगी मिली है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) का यह अध्ययन इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित हुआ है.

पुणे में राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) में वैज्ञानिक और इस अध्ययन की मुख्य लेखिका डॉ प्रज्ञा डी यादव ने कहा कि इस बात का कोई साक्ष्य या शोध नहीं है जो यह दावा करता हो कि यह बैट कोरोना वायरस मनुष्यों में बीमारी का कारण बन सकते हैं. चमगादड़ों में 6 नए कोरोना विषाणुओं की खोज, वैज्ञानिकों ने किया बड़ा खुलासा

केरल, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी और तमिलनाडु के रौजेत्तुस और टेरोपस प्रजाति के 25 चमगादड़ केरल, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी और तमिलनाडु में बैट कोव पॉजिटिव पाए गए हैं.

यादव ने कहा कि इन बैट कोरोना वायरस का कोविड-19 महामारी से कोई संबंध नहीं है. किंतु उन्होंने कहा कि टेरोपस प्रजाति के चमगादड़ों में 2018 और 2019 में केरल में निपाह वायरस मिला था.

इस अध्ययन के मुताबिक, माना जाता है कि चमगादड़ों में प्राकृतिक रूप से कई वायरस होते हैं जिनमें से कुछ में मनुष्यों को बीमार करने की आशंका होती है. भारत में टेरोपस प्रजाति के चमगादड़ों में पहले निपाह वायरस मिला था. संदेह है कि हाल में सामने आया संक्रमण कोविड-19 का संबंध भी चमगादड़ों से है.

इस अध्ययन का शीर्षक ‘भारत के विभिन्न हिस्सों के टेरोपस और रौजेत्तुस प्रजाति के चमगादड़ों में कोरोना वायरस का पता लगाना’ है.

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