नयी दिल्ली, 10 सितंबर अडाणी समूह की कंपनी वीसीपीएल ने मीडिया कंपनी एनडीटीवी को सूचित किया है कि एनडीटीवी की प्रवर्तक समूह कंपनी आरआरपीआर होल्डिंग को कर्ज वारंट इक्विटी शेयरों में बदलने के लिए आयकर विभाग से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है।
एनडीटीवी ने शेयर बाजारों को दी गई सूचना में कहा है कि आरआरपीआर होल्डिंग और कंपनी को विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (वीसीपीएल) से एक पत्र मिला है जिसमें सूचित किया गया है कि कर्ज वारंट को इक्विटी शेयरों में परिवर्तित करने के मुद्दे पर वीसीपीएल ने आयकर विभाग से संपर्क किया था। वीसीपीएल के मुताबिक, आयकर विभाग ने अपने जवाब में कहा है कि वारंट को हिस्सेदारी में बदलने में इस तरह की कोई बंदिश लागू नहीं होती है।
एनडीटीवी ने वीसीपीएल के इस पत्र के बारे में शुक्रवार देर रात शेयर बाजारों को जानकारी दी। इसके मुताबिक, ‘‘आयकर विभाग, सेंट्रल रेंज-02, नयी दिल्ली के अतिरिक्त आयुक्त की तरफ से सात सितंबर, 2022 को दिए गए जवाब के अनुसार वारंट को आरआरपीआर के 99.50 फीसदी इक्विटी शेयर में बदलने के विकल्प पर कोई पाबंदी नहीं है।’’
वीसीपीएल ने आयकर विभाग के साथ हुए इस पत्राचार के बारे में बाजार नियामक सेबी को भी एक पत्र लिखकर जानकारी दी है।
आरआरपीआर होल्डिंग ने इस महीने की शुरुआत में अडाणी समूह की कंपनी वीसीपीएल से कहा था कि उसकी एनडीटीवी में हिस्सेदारी को आयकर विभाग ने अस्थायी तौर पर रोक लगा रखी है लिहाजा इस हिस्सेदारी के हस्तांतरण के लिए आयकर विभाग की मंजूरी लेनी जरूरी है।
वीसीपीएल ने अडाणी समूह की दो अन्य कंपनियों के साथ मिलकर एनडीटीवी के अधिग्रहण की कोशिश की है।
आरआरपीआर होल्डिंग की इस दलील को अडाणी समूह ने खारिज करते हुए इसे ‘गलत’ और ‘भ्रामक’ बयान करार देते हुए आरआरपीआर होल्डिंग को वॉरंट को इक्विटी शेयर में बदलने के लिए कहा है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)