‘INDIA’ गठबंधन का संयोजक नहीं बनाए जाने से न नराजगी है और न ही मायूस हूं : नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को उन अटकलों को खारिज कर दिया कि हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की हुयी बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम प्रधानमंत्री पद के चेहरे के तौर पर सुझाये जाने से वह नाराज हैं।
पटना, 25 दिसंबर: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को उन अटकलों को खारिज कर दिया कि हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की हुयी बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम प्रधानमंत्री पद के चेहरे के तौर पर सुझाये जाने से वह नाराज हैं. पिछले हफ्ते राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाने का सुझाव आने के बाद ऐसी अटकलें थी कि बिहार के मुख्यमंत्री इससे नाराज हो गये हैं.
केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के विरोध में विपक्षी दलों को एकजुट करने की पहल करने वाले जदयू नेता ने सोमवार को चुप्पी तोड़ते हुये कहा, ‘‘मुझे कोई मायूसी नहीं हुई, कोई नाराज़गी नहीं हुई.’’ दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर सोमवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान नीतीश ने कहा, ‘‘बैठक में मुद्दा (एक नेता के नाम का) आया. मैने शुरू में ही स्पष्ट कर दिया था कि हमारी अपनी कोई इच्छा नहीं है.
सबलोग साथ मिलकर चलें, यही हम चाहते हैं. फिर एक और नाम प्रस्तावित किया गया तो मैंने कहा कि यह सबके लिये ठीक है.’’
दिल्ली और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों क्रमश: अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी ने बैठक में प्रधानमंत्री पद के लिये खरगे का नाम सुझाया था. भाजपा नेतृत्व वाले राजग में जदयू नेता के विरोधियों ने इस घटनाक्रम की आलोचना करते हुए दावा किया था कि आम आदमी पार्टी प्रमुख केजरीवाल और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो बनर्जी ने वास्तव में नीतीश की कथित प्रधानमंत्री पद की महत्वाकांक्षाओं को दरकिनार कर दिया है.
विपक्षी गठबंधन की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुये प्रधानमंत्री पद के चेहरे के मुद्दे को ठंडे बस्ते में रखने की इच्छा व्यक्त की थी और इस बात पर जोर दिया था कि ‘इंडिया’ गठबंधन को पहले पर्याप्त संख्या में लोकसभा सीटें जीतने की जरूरत है. नीतीश से जनवरी तक सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के उनके आग्रह के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हां, मैंने कहा था कि सीट बंटवारे को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जाना चाहिए. मैं पहले भी इसको लेकर अपने विचार व्यक्त कर चुका हूं. मुझे विश्वास है कि ऐसा सभी राज्यों में सही समय पर कर लिया जाएगा.’’
नीतीश के साथ मौजूद राजद नेता एवं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि सीट बंटवारा सही समय पर हो जाएगा. मीडिया के एक वर्ग में उनकी पार्टी जदयू में संकट गहराने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर, इसे खारिज करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कौन क्या बोलता है हम ध्यान नहीं देते हैं. आजकल लोग अपने लाभ के लिए जो जी में आए बोलते रहते हैं. किसी को कुछ लाभ मिलने नहीं जा रहा है. हमारी पार्टी में सब एकजुट हैं. कहीं किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है. हम सभी लोग एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं और हमारी पार्टी तथा ‘इंडिया’ गठबंधन एकजुट है.’’
मीडिया में आयी खबरों में ऐसी अटकलें थी कि जदयू का विभाजन हो सकता है और और एक धड़े का राजद में विलय हो सकता है. केंद्र की मोदी सरकार पर मीडिया पर लगाम लगाने का आरोप लगा चुके नीतीश ने कहा, ‘‘आप मीडिया वालों पर नियंत्रण किसी और का है. हम आपकी इज्जत करते हैं और करते रहेंगे. आपलोग खूब आगे बढ़िए.’’ उन्होंने दिवंगत वाजपेयी के प्रति अपने मन में अपार सम्मान की बात करते हुए कहा कि श्रद्धेय अटलजी की सरकार में हम तीन-तीन विभागों के मंत्री थे। वे मुझे बहुत मानते थे. मुझे बिहार का मुख्यमंत्री बनाने में अटल जी का बहुत बड़ा योगदान है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘उनके प्रति मेरा आदर का भाव हमेशा से रहा है और हम जब तक हैं वो जीवनभर रहेगा. जब तक श्रद्धेय अटल जी प्रधानमंत्री थे तो किसी भी धर्म के माननेवालों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होती थी. दिवगंत अटल बिहारी वाजपेयी की विवारधारा से संबंधित प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग जो भी अपनी बात रखते थे वे उसको स्वीकार करते थे. उनके समय में बहुत काम हुआ. हर क्षेत्र में उन्होंने मदद किया, हमने काम भी किया है.
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