उत्तराखंड राज्य आपदा मोचन निधि से स्वीकृत इस धनराशि से दून, हल्द्वानी व श्रीनगर मेडिकल कालेज के लिये तीन हाईटेक टेस्टिंग मशीन क्रय की जाएंगी । एक हाईटेक मशीन की क्षमता 800 टेस्ट प्रतिदिन है और तीन मशीनें आने से 2400 नमूनों की जांच प्रतिदिन हो सकेगी। अभी तक इन मेडिकल कालेजों में स्थापित मशीनों की टेस्टिंग क्षमता कम थी।
यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, प्रदेश से 50 से 100 नमूने जांच के लिए चण्डीगढ़ की इम्पेक्ट लैब में भेजे जा रहे हैं जबकि नई दिल्ली स्थित एनसीडीसी लैब में हरिद्वार से 300, उधमसिंह नगर से 300 तथा नैनीताल से 100 नमूने जांच के लिए भेजे जा रहे हैं ।
इसके अलावा, लगभग 50 नमूनों की जांच टेस्ट यहां आईआईपी की प्रयोगशाला में भी हो रही है । जिला स्तर पर भी जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सात स्थानों पर टू नाट मशीन स्थापित की गई है जिनमें से चार ने कार्य आरम्भ कर दिया है जबकि 11 और ऐसी मशीनों की और व्यवस्था की जा रही है।
सचिव स्वास्थ्य, अमित नेगी ने बताया कि रामनगर स्थित राजकीय संयुक्त चिकित्सालय और अल्मोड़ा के भिकियासैंण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का कार्य पीपीपी मोड पर संचालित होने से इन चिकित्सालयों में कार्यरत 17 चिकित्सक राज्य को मिल गये हैं जिनमें सात विशेषज्ञ चिकित्सक भी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इन चिकित्सकों की तैनाती उन अस्पतालों में की जायेगी जहां चिकित्सकों की कमी है। ये दोनों चिकित्सालय विश्व बैंक परियोजना के तहत पीपीपी मोड पर संचालित हो रहे हैं।
उधर, प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां जारी बुलेटिन के अनुसार, राज्य में सामने आए 75 ताजा मामलों में से सर्वाधिक 28 टिहरी जिले से, 14 अल्मोडा जिले से, आठ—आठ हरिद्वार और नैनीताल से, सात बागेश्वर से, पौडी में दो, चार—चार पिथौरागढ और देहरादून से जिले से हैं ।
ज्यादातर मरीज हाल में बाहर से यात्रा कर प्रदेश में आए हैं । हांलांकि, टिहरी जिले के हिंडोलाखाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात 11 स्वास्थ्यकर्मी भी कोरोना संक्रमित पाए गये हैं ।
प्रदेश भर में 1433 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं जबकि अब तक प्रदेश में 26 कोरोना संक्रमितों की मृत्यु हुई है ।
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