Delhi Water Crisis: हिमाचल प्रदेश ने कहा अतिरिक्त पानी नहीं, उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली सरकार से यमुना बोर्ड का रुख करने को कहा
हिमाचल प्रदेश ने उच्चतम न्यायालय में अपने पिछले बयान से पलटते हुए कहा कि उसके पास अतिरिक्त पानी नहीं है, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने बृहस्पतिवार को दिल्ली सरकार को जल आपूर्ति के लिए 'अपर यमुना रिवर बोर्ड' (यूवाईआरबी) का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया.
नयी दिल्ली, 13 जून : हिमाचल प्रदेश ने उच्चतम न्यायालय में अपने पिछले बयान से पलटते हुए कहा कि उसके पास अतिरिक्त पानी नहीं है, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने बृहस्पतिवार को दिल्ली सरकार को जल आपूर्ति के लिए 'अपर यमुना रिवर बोर्ड' (यूवाईआरबी) का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी वराले की अवकाशकालीन पीठ ने दिल्ली सरकार को शाम पांच बजे तक ‘अपर यमुना रिवर बोर्ड’ को मानवीय आधार पर पानी की आपूर्ति के लिए आवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. हिमाचल प्रदेश सरकार ने पिछला बयान वापस लेते हुए उच्चतम न्यायालय से कहा कि उसके पास 136 क्यूसेक अतिरिक्त पानी नहीं है.
पीठ ने कहा कि राज्यों के बीच यमुना जल बंटवारे का मुद्दा जटिल है और अदालत के पास अंतरिम आधार पर इसका फैसला करने की तकनीकी विशेषज्ञता नहीं है. पीठ ने कहा, ''इस मुद्दे को 1994 के समझौता ज्ञापन में पक्षों की सहमति से गठित निकाय के विचारार्थ छोड़ दिया जाना चाहिए." पीठ ने कहा, ''चूंकि यूवाईआरबी पहले ही दिल्ली को मानवीय आधार पर पानी की आपूर्ति के लिए आवेदन दाखिल करने का निर्देश दे चुकी है इसलिए अगर आवेदन तैयार नहीं किया गया है तो आज शाम पांच बजे तक तैयार कर लें और बोर्ड शुक्रवार को बैठक बुलाए और दिल्ली सरकार के जलापूर्ति आवेदन पर जल्द से जल्द निर्णय ले.'' यह भी पढ़ें : देश की खबरें | मुनक नहर पर दिल्ली पुलिस की गश्त, आतिशी ने पाइपलाइन का निरीक्षण किया
शीर्ष अदालत, दिल्ली सरकार द्वारा दाखिल एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में हिमाचल प्रदेश द्वारा उपलब्ध कराए गए अतिरिक्त पानी को छोड़ने के लिए हरियाणा को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था ताकि राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट कम हो सके.