नई दिल्ली, 29 अक्टूबर: दिल्ली (Delhi) उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को ट्विटर को अपने मंच से हिंदू देवी से संबंधित कुछ आपत्तिजनक सामग्री को हटाने के लिए कहा. अदालत ने कहा कि सोशल मीडिया दिग्गज कंपनी आम जनता की भावनाओं का सम्मान करेगी क्योंकि यह उनसे जुड़ा व्यवसाय कर रही है. यह भी पढ़े: सड़कों से अनावश्यक अवरोधक हटाने की याचिका पर दिल्ली पुलिस जवाब दे: उच्च न्यायालय ने केंद्र से कहा
अदालत ने कहा कि ट्विटर अच्छा काम कर रहा है और लोग इससे खुश हैं. मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने ट्विटर के वकील से पूछा, ''सामग्री हटाई जा रही हैं या नहीं? आपको आम लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए क्योंकि आप बड़े पैमाने पर जनता से जुड़ा व्यवसाय कर रहे हैं. उनकी भावनाओं को उचित महत्व दिया जाना चाहिए आपको इसे हटा देना चाहिए.'पीठ ने कहा, ''आप इसे हटा दें.
आपने राहुल गांधी के मामले में भी ऐसा किया है.''ट्विटर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि अदालत आदेश में उल्लेख कर सकती है और वे निर्देश का पालन करेंगे. अदालत ने मामले को अगली सुनवाई 30 नवंबर के लिए सूचीबद्ध किया. याचिकाकर्ता आदित्य सिंह देशवाल ने कहा कि उन्हें एक उपयोगकर्ता द्वारा मां काली के बारे में कुछ बेहद आपत्तिजनक सामग्री साझा किए जाने के बारे में पता चला जिसमें देवी को अपमानजनक तरीके से दर्शाया गया है.
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पोद्दार ने कहा कि उन्होंने ट्विटर के शिकायत अधिकारी को इस बारे में सूचित कर संबंधित नियमों के तहत कार्रवाई की मांग की. उन्होंने दावा किया कि ट्विटर ने इससे इंकार करते हुये कहा कि संबंधित खाते की यह सामग्री उस श्रेणी में नहीं है जिस पर कार्रवाई की जाये और इसलिए इसे नहीं हटाया जा सकता है. याचिका में ट्विटर को अपने प्लेटफार्म से इस आपत्तिजनक सामग्री को हटाने और संबंधित खाता स्थाई रूप से बंद करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है.
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