IAF Helicopter Crash: शहीद जेडब्ल्यूओ प्रदीप का पूरे सैन्य सम्मान के साथ केरल में किया गया अंतिम संस्कार

शहीद प्रदीप के पार्थिव शरीर को दोपहर करीब तीन बजे उनके पुथुर स्थित स्कूल में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया जहां सैकड़ों की संख्या में लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. बाद में शहीद के पार्थिव शरीर को उनके आवास पर ले जाया गया, जहां पर बेटे ने पिता को मुखाग्नि दी.

ए प्रदीप (Photo Credits: Twitter)

त्रिशूर (केरल): तमिलनाडु (Tamil Nadu) में कन्नूर (Kannur) के नजदीक बुधवार को हुए हेलीकॉप्टर हादसे (Helicopter Accident) में शहीद हुए वायुसेना के जूनियर वारंट ऑफिसर (JWO) ए प्रदीप (A Pradeep) का केरल (Kerala) के त्रिशूर जिले स्थित उनके पैतृक गांव में शनिवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस हादसे में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) और 12 अन्य लोगों की मृत्यु हो गई थी. RIP CDS General Bipin Rawat: आज हरिद्वार में होगा जनरल रावत और उनकी पत्नी का अस्थि विसर्जन

प्रदीप का अंतिम संस्कार पोन्नुक्कारा गांव स्थित उनके आवास के परिसर में शनिवार शाम को किया गया. अधिकारियों के मुताबिक उनके पार्थिव शरीर को पूर्वाह्न करीब 11 बजे दिल्ली से तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित सलूर वायुसेना हवाई अड्डा लाया गया और फिर वहां से सड़क मार्ग से केरल स्थित उनके गांव पहुंचाया गया. केरल की सीमा पर स्थित वालयार जांच चौकी पर केरल सरकार की ओर से तीन मंत्री - के राधाकृष्णन, के कृष्णकुट्टी और के राजन मौजूद थे.

केरल के मंत्री और दिल्ली से विमान के साथ कोयंबटूर आए केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरण, शहीद सैनिक के पैतृक गांव तक साथ गए. शहीद सैनिक को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए सड़क किनारे हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे.

शहीद प्रदीप के पार्थिव शरीर को दोपहर करीब तीन बजे उनके पुथुर स्थित स्कूल में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया जहां सैकड़ों की संख्या में लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. बाद में शहीद के पार्थिव शरीर को उनके आवास पर ले जाया गया, जहां पर बेटे ने पिता को मुखाग्नि दी.

गौरतलब है कि प्रदीप वर्ष 2004 में वायुसेना में शामिल हुए थे और उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी सेवाएं दी थी और कई अभियानों में शामिल रहे थे. प्रदीप के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि वह वर्ष 2018 में बाढ़ के दौरान स्वयंसेवक के तौर पर बचाव एवं राहत अभियान से जुड़े थे.

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