देश की खबरें | आंध्र व तेलंगाना में भारी बारिश से बाढ़ आई, 31 की मौत, लाखों लोग प्रभावित

हैदराबाद/विजयवाड़ा, दो सितंबर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में मूसलाधार बारिश के कारण 31 लोगों की मौत हो गई तथा सड़कें और रेल पटरियां क्षतिग्रस्त हो गईं, जिससे संपर्क टूट गया है। इसके अलावा हजारों एकड़ कृषि भूमि पानी में डूब गई है और एजेंसियों को बचाव एवं पुनर्वास के काम में लगाया गया है।

दोनों तेलुगु भाषी राज्य सोमवार को बारिश के कारण प्रभावित रहे। वर्षाजनित घटनाओं में तेलंगाना में 16 लोग और पड़ोसी आंध्र प्रदेश में 15 अन्य लोगों की मौत हो गई।

तेलंगाना में केसमुद्रम के नज़दीक रेल की पटरियों के नीचे बजरी का एक हिस्सा बाढ़ के पानी के कारण बह गया।

आंध्र प्रदेश में करीब 4.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि सबसे ज्यादा प्रभावित विजयवाड़ा में दूध समेत जरूरी सामान लेने के लिए लोगों के संघर्ष के दिल दहला देने वाले दृश्य देखने को मिले।

आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में एनटीआर, गुंटूर, कृष्णा, एलुरु, पालनाडु, बापटला और प्रकाशम शामिल हैं।

राहत एवं बचाव कार्य में राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 20 और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 19 टीमें लगी हुई हैं।

पिछले तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश और कई हिस्सों में 24 घंटे से अधिक समय तक बिजली कटौती के कारण विजयवाड़ा में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है।

स्थानीय समाचार चैनलों पर दिखाए गए दृश्यों में एक महिला मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से शिकायत करती हुई दिखाई दी। महिला कहती है कि विजयवाड़ा के अजीत सिंह नगर में लोग दो दिनों से बिना पीने के पानी के फंसे हुए हैं। उसने शिकायत की कि कोई नाव उनके बचाव के लिए नहीं आई, जबकि कमर तक पानी में खड़ा एक अन्य व्यक्ति नायडू से विनती कर रहा था।

मुख्यमंत्री तीसरी बार नाव पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे थे।

लोग अपने बच्चों को कंधे पर उठाकर बाढ़ के पानी में से सुरक्षित निकलने की कोशिश करते देखे गए, जबकि गद्दे पर लेटी एक बुजुर्ग महिला को दो लोग बाढ़ के पानी के ऊपर से ले जाते हुए देखे गए।

एक बाढ़ पीड़ित ने शिकायत की कि उन्हें रविवार सुबह से दूध नहीं मिला है और आरोप लगाया कि सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली।

इंटरनेट और मोबाइल टेलीफोन कनेक्टिविटी बाधित हो गई। हैदराबाद से कनेक्टिविटी प्रभावित हुई। विजयवाड़ा शहर और उसके आसपास के इलाकों में परिवहन सेवाएं अस्त-व्यस्त हो गईं।

प्रकाशम बैराज से सोमवार सुबह आठ बजे तक 11.3 लाख क्यूसेक बाढ़ का पानी छोड़ा गया।

तेलंगाना में बारिश से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में कम से कम 16 लोगों की जान चली गई और राज्य सरकार ने सोमवार को शुरुआती तौर पर 5,000 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया। उसने 2,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता की तत्काल मांग की।

मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रभावित इलाकों का दौरा करने और बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की अपील की।

उन्होंने बारिश से जुड़ी घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने वर्षा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के तहत सूर्यपेट में मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक की।

राज्य के आईटी एवं उद्योग मंत्री डी. श्रीधर बाबू ने संवाददाताओं को बताया कि नुकसान की रिपोर्ट मिलने के बाद ही पूरा ब्यौरा पता चल पाएगा।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरकार बाढ़ से हुए नुकसान पर एक व्यापक रिपोर्ट केंद्र को सौंपेगी।

अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार 1.5 लाख एकड़ से अधिक भूमि पर लगी फसलों को नुकसान हुआ है।

खम्मम के बाढ़ प्रभावित इलाकों में भारी नुकसान का मंजर देखने को मिला, जहां घरेलू सामान बह गए।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों ने राज्य के राजस्व मंत्री पी. श्रीनिवास रेड्डी और कृषि मंत्री टी. नागेश्वर राव को अपनी व्यथा सुनाई। ये दोनों मंत्री उनसे मिलने आए थे।

दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) के एक अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश और कई स्थानों पर पटरियों पर जलभराव के कारण 432 ट्रेन रद्द कर दी गईं और 13 ट्रेन आंशिक रूप से रद्द की गईं। उन्होंने बताया कि सोमवार दोपहर तक 139 ट्रेन का मार्ग बदला गया।

उन्होंने कहा कि मरम्मत कार्य जारी है। दोनों राज्यों में लगातार बारिश के कारण काजीपेट-विजयवाड़ा खंड में बाढ़ आने और दरारें आने की खबर है और पांच ट्रेन फंसी हुई हैं।

हैदराबाद स्थित मौसम केंद्र ने कहा कि तीन सितंबर को सुबह 8.30 बजे तक आदिलाबाद, कोमाराम भीम आसिफाबाद, निर्मल, निजामाबाद, जगतियाल, संगारेड्डी, मेडक, कामारेड्डी जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।

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