नयी दिल्ली, 12 फरवरी उच्चतम न्यायालय ने कौशल विकास निगम घोटाला मामले में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को नियमित जमानत प्रदान करने संबंधी उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ आंध्र प्रदेश सरकार की याचिका पर सुनवाई के लिए सोमवार को 26 फरवरी की तारीख तय की।
नायडू की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने न्यायालय को सूचित किया कि वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे विषय में दलील पेश करेंगे लेकिन आज वह उपलब्ध नहीं हैं, जिसके बाद न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने सुनवाई स्थगित कर दी।
लूथरा ने दो हफ्तों के लिए सुनवाई टालने का अनुरोध किया ताकि साल्वे इस मामले में दलील पेश कर पाएं।
आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार और वकील महफूज अहसन नाजकी ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील की सुनवाई के लिए पीठ से नजदीक की तारीख मांगी।
पीठ ने कहा कि यह 26 फरवरी को विषय पर सुनवाई करेगी और इसे दो हफ्ते बाद के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
नायडू की याचिका पर शीर्ष अदालत ने 16 फरवरी को एक खंडित फैसला सुनाया था। याचिका में, उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें कौशल विकास निगम घोटाला मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया गया था।
नायडू को कौशल विकास निगम से धन की कथित हेराफेरी करने को लेकर पिछले साल नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहने के दौरान 2015 में इसे अंजाम दिया, जिससे सरकारी खजाने को कथित तौर पर 371 करोड़ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। हालांकि, नायडू ने आरोपों से इनकार किया है।
तेदेपा प्रमुख नायडू को 31 अक्टूबर 2023 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने अंतरिम मेडिकल जमानत पर रिहा किया था।
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