UP: शिक्षक की हत्या का आरोपी हेड कांस्टेबल गिरफ्तार- पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपए की सहायता का ऐलान
मुजफ्फरनगर जिले के सिविल लाइंस इलाके में आपसी झगड़े के बाद एक सरकारी स्कूल के शिक्षक की गोली मारकर जान लेने के मामले में आरोपी हेड कांस्टेबल के खिलाफ कत्ल का मामला दर्ज किया गया है.
मुजफ्फरनगर (उप्र), 19 मार्च : मुजफ्फरनगर जिले के सिविल लाइंस इलाके में आपसी झगड़े के बाद एक सरकारी स्कूल के शिक्षक की गोली मारकर जान लेने के मामले में आरोपी हेड कांस्टेबल के खिलाफ कत्ल का मामला दर्ज किया गया है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि हेड कांस्टेबल चंद्र प्रकाश के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 302 (हत्या) और अजा/अजजा अधिनियम की सुसंगत धारा में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.
शिक्षक धर्मेंद्र कुमार वाराणसी से आयी शिक्षा विभाग की उस टीम का हिस्सा थे जो पुलिस की सुरक्षा में मुजफ्फरनगर शहर के सिविल लाइंस स्थित एसडी इंटर कॉलेज में उप्र बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं लेकर आई थी. रविवार को विद्यालय का गेट बंद होने के कारण उनकी गाड़ी बाहर ही खड़ी थी. देर रात टीम की सुरक्षा में तैनात हेड कांस्टेबल चंद्र प्रकाश ने आपस में कुछ कहासुनी के बाद अपनी सरकारी बंदूक से शिक्षक धर्मेंद्र को गोली मार दी जिससे उनकी मौत हो गई थी. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम जिलाधिकारी की अनुमति से डॉक्टरों के एक पैनल ने किया है. उन्होंने बताया कि हत्या में प्रयुक्त हथियार भी जब्त कर लिया गया है. जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने बताया कि राज्य सरकार ने मृतक परिवार के लिए 25 लाख रुपए की सहायता का ऐलान किया है. यह भी पढ़ें : Maharashtra Naxal Attack: लोकसभा चुनाव से पहले गढ़चिरौली में जवानों की बड़ी कार्रवाई, मुठभेड़ में 4 इनामी नक्सली ढेर
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हत्या का आरोपी हेड कांस्टेबल चंद्र प्रकाश शराब के नशे में था और बार-बार तंबाकू की मांग कर वैन सवार दूसरे लोगों को सोने नहीं दे रहा था. जब धर्मेंद्र कुमार ने इसका विरोध किया तो उसने उनसे झगड़ा किया और अपनी सर्विस कार्बाइन से उन्हें गोली मार दी. शिक्षक को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस घटना के विरोध में जिले के शिक्षकों ने आंदोलन किया था. उन्होंने सरकार से मृत शिक्षक के परिजन को 10 करोड रुपए का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की थी.