विदेश की खबरें | हसीना के प्रत्यर्पण का उनके भारतीय वीजा की अवधि के कथित विस्तार से कोई लेना-देना नहीं: बांग्लादेश
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

ढाका, नौ जनवरी मोहम्मद यूनुस नीत बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारतीय वीजा की अवधि में कथित बढ़ोतरी का ढाका द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री के प्रत्यर्पण के लिए भारत से किए गए अनुरोध से कोई लेना-देना नहीं है।

विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने पत्रकारों से कहा, “हमने भारत से शेख हसीना को बांग्लादेशी नागरिक के रूप में वापस भेजने का अनुरोध किया है। भारत में उनकी स्थिति का इस अनुरोध से कोई संबंध नहीं है। यह हमारे विचार का विषय नहीं है।”

हसीना (77) पिछले वर्ष पांच अगस्त से भारत में रह रही हैं।

बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व में हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार के पतन के कारण हसीना भारत आ गयी थीं।

अंतरिम सरकार ने मंगलवार को कहा था कि उसने हसीना और 96 अन्य लोगों के पासपोर्ट रद्द कर दिए हैं क्योंकि ये सभी लोगों को जबरन गायब करने और जुलाई में हुई हत्याओं में कथित रूप से शामिल थे।

प्रवक्ता रफीकुल आलम ने बृहस्पतिवार को बताया कि ढाका के पास ‘अतिरिक्त जानकारी नहीं है, इसलिए हम अटकलें नहीं लगाएंगे’।

आलम ने बताया कि उनसे मीडिया में आई खबरों पर टिप्पणी मांगी गई थी कि नयी दिल्ली ने हाल ही में हसीना के वीजा की अवधि को बढ़ा दिया है जबकि बांग्लादेश ने उनका राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर दिया है।

उन्होंने बताया कि जब किसी बांग्लादेशी नागरिक का पासपोर्ट रद्द किया जाता है, तो संबंधित देश को बांग्लादेश के मिशनों के माध्यम से सूचित किया जाता है और ऐसे मामलों में वीजा की आवश्यकता नहीं रह जाती।

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