हरियाणा को अप्रैल में राजस्व में 4600 करोड़ का घाटा होने की आशंका

हरियाणा सरकार को अकेले स्टांप शुल्क से प्रतिमाह छह सौ करोड़ की कमाई होती थी लेकिन लॉकडाउन के कारण अप्रैल में संपत्ति और जमीन की खरीदारी न होने से राज्य को नुकसान झेलना पड़ेगा।

जमात

चंडीगढ़, 15 अप्रैल कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के उद्देश्य से किए गए लॉकडाउन के कारण राज्य में आर्थिक गतिविधियां रुक जाने से हरियाणा को अप्रैल में 4,600 करोड़ का घाटा हो सकता है।

हरियाणा सरकार को अकेले स्टांप शुल्क से प्रतिमाह छह सौ करोड़ की कमाई होती थी लेकिन लॉकडाउन के कारण अप्रैल में संपत्ति और जमीन की खरीदारी न होने से राज्य को नुकसान झेलना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी बुधवार को राज्य के निवासियों को टेलीविजन के माध्यम से दिए गए संदेश में राजस्व की हानि की बात कही।

खट्टर ने कौटिल्य के अर्थशास्त्र से “कोष मुलू दंड” उद्धृत करते हुए कहा कि कोष प्रशासन की रीढ़ है और लॉकडाउन की वजह से राजस्व में घाटा झेलना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, “हम छह सौ करोड़ के स्टांप शुल्क की उम्मीद कर रहे थे लेकिन संपत्ति की खरीद फरोख्त न होने के चलते इसका नुकसान होगा। हम सीमा शुल्क के जरिये मिलने वाले एक हजार करोड़ रुपये के स्थान पर लगभग सौ करोड़ रुपये की ही आशा कर रहे हैं। वैट के जरिये जहां 782 करोड़ रुपये की आमदनी होती वहां केवल सौ करोड़ रुपये ही मिलने की उम्मीद है।”

उन्होंने आढ़तियों से संकट के इस समय में किसानों की मदद करने की मांग की। उन्होंने कहा कि हम जल्दी ही कोरोना वायरस पर विजय प्राप्त कर लेंगे।

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