चंडीगढ़, 11 सितंबर हरियाणा मंत्रिमंडल ने बुधवार को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से विधानसभा भंग करने की सिफारिश की।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संवैधानिक नियम के अनुसार पिछले सत्र से छह महीने की अवधि समाप्त होने से पहले सदन का सत्र बुलाना आवश्यक था लेकिन अब इस कदम से किसी भी संवैधानिक संकट को टाला जा सकेगा।
यहां जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘राज्य मंत्रिमंडल की यहां (बुधवार शाम) हुई बैठक में 14वीं हरियाणा विधानसभा को भंग करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘प्रस्ताव अब मंजूरी के लिए हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के पास भेजा जाएगा। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 174 (2) (बी) किसी राज्य के राज्यपाल को राज्य की विधानसभा को भंग करने का अधिकार देता है।’’
मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल तीन नवंबर को समाप्त होगा।
हरियाणा में चुनाव की घोषणा पहले ही हो चुकी है। मतदान पांच अक्टूबर को होगा और मतगणना आठ अक्टूबर को होगी।
हरियाणा विधानसभा का अंतिम सत्र 13 मार्च को आयोजित किया गया था, जब नायब सिंह सैनी सरकार ने विश्वास मत हासिल किया था और अगला सत्र आगामी 12 सितंबर तक बुलाया जाना जरूरी था।
सैनी ने मार्च में मनोहर लाल खट्टर की जगह मुख्यमंत्री का पद संभाला था। खट्टर अब केंद्रीय मंत्री हैं।
सरकार आमतौर पर अगस्त में मानसून सत्र बुलाती रही है। हालांकि, 16 अगस्त को चुनाव की घोषणा कर दी गई जिसके बाद सरकार ने सत्र नहीं बुलाया।
सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल की मंजूरी के बाद सैनी सरकार नई सरकार बनने तक कार्यवाहक सरकार के रूप में काम करती रहेगी।
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