देश की खबरें | हस्तशिल्पियों ने देश की विरासत और परंपरा को सजाया संवारा है : योगी आदित्यनाथ

लखनऊ, 20 जनवरी उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को यहां ‘ग्रामश्री एवं क्राफ्ट रूट्स’ द्वारा आयोजित हस्तशिल्पी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हस्तशिल्पियों ने देश की विरासत व परम्परा को सजाया-संवारा है।

राज्यपाल ने कहा कि महिलाओं का आर्थिक, शैक्षिक आदि दृष्टियों से सशक्तिकरण के लिए ‘ग्रामश्री’ संस्था का सृजन किया गया।

उन्‍होंने कहा, ‘‘संस्था का सौभाग्य है कि इसका 'ग्राम श्री' नामकरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा किया गया। ग्रामश्री, हस्तशिल्पियों और कारीगरों को रोजगार प्रदान करने के साथ-साथ उनके पारिवारिक जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का माध्यम बनी है। ‘ग्रामश्री एवं क्राफ्ट रूट्स’ को आगे बढ़ाने में हस्तशिल्पियों और कारीगरों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है।’’

यहां जारी एक सरकारी बयान के अनुसार आनंदीबेन पटेल ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री आज आप सभी हस्तशिल्पियों एवं कारीगरों को अपना आशीर्वाद और प्रेरणा प्रदान करने के लिए यहां आए हैं। ग्राम श्री द्वारा अब तक आयोजित 57-58 कार्यक्रमों में यह पहली बार है जब किसी राज्य के मुख्यमंत्री सम्मिलित हो रहे हैं।’’

उन्‍होंने कहा, ‘‘श्रीरामलला 22 जनवरी को अयोध्या में अपने नव्य और भव्य मंदिर में विराजमान होंगे और इस आयोजन की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री पर है। इसके बावजूद अपने व्यस्त कार्यक्रम से उन्होंने समय दिया है।’’

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा, ‘‘पांच सौ वर्षों की प्रतीक्षा के पश्चात श्रीरामलला प्रधानमंत्री के कर-कमलों द्वारा अयोध्या नगरी में स्वयं के भव्य मंदिर में विराजमान होंगे।

उन्‍होंने कहा, ‘‘हस्तशिल्पियों ने देश की विरासत और परंपरा को सजाया-संवारा है।’’

योगी ने कहा कि यह प्रदर्शनी प्रधानमंत्री की ‘वोकल फॉर लोकल’ तथा ‘आत्मनिर्भर भारत’ की संकल्पना पर आधारित है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से वर्ष 2018 में प्रदेश के परंपरागत उद्यम को प्रोत्साहित करने के लिए ‘एक जनपद एक उत्पाद’ के रूप में एक अभिनव कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया।

योगी ने पूर्ववर्ती विपक्ष की सरकारों पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘पहले कहा जाता था कि उत्तर प्रदेश एक ‘लैंडलॉक्ड’ राज्य है, इसलिए यहां से निर्यात नहीं किया जा सकता। प्रदेश सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के कारण दो-तीन वर्षों में ही प्रदेश का निर्यात दोगुने से अधिक हो गया।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात की धरती की ऐतिहासिक विरासत की चर्चा करते हुए कहा, ‘‘उस धरती पर ग्राम श्री संस्था का जन्म हुआ। राज्यपाल ने गुजरात में वर्ष 1995 में ग्राम श्री को शुरू किया था। इस संस्था द्वारा वहां के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्टिजंस, हस्तशिल्पियों तथा कारीगरों को प्रोत्साहित करने के एक बड़े अभियान को आगे बढ़ाया गया।’’

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं ब्रजेश पाठक, प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, ‘क्राफ्ट रूट्स’ की ट्रस्टी अनारबेन पटेल, शिल्पी एवं कारीगर उपस्थित रहे।

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