अगले छह महीनों में कर्नाटक में भाजपा के आधे नेता जेल में होंगे: प्रियंक खरगे
कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खरगे ने रविवार को कहा कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आधे नेता अगले छह महीने में या तो जेल में होंगे या जमानत के लिए चक्कर लगाएंगे, क्योंकि कांग्रेस नीत सरकार पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों की तह तक जाएगी.
बेंगलुरु, 18 अगस्त : कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खरगे ने रविवार को कहा कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आधे नेता अगले छह महीने में या तो जेल में होंगे या जमानत के लिए चक्कर लगाएंगे, क्योंकि कांग्रेस नीत सरकार पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों की तह तक जाएगी. मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) में भूखंड आवंटन घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा अनुमति दिए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रियंक ने कहा कि कांग्रेस ने प्रतिशोध के तहत किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि उसकी पहली प्राथमिकता सुशासन है.
खरगे ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार के तौर पर हमारी पहली प्राथमिकता कुशल शासन देना है, न कि प्रतिशोध में कार्रवाई करना. लेकिन हां, यह भी कहा जा सकता है कि पिछली सरकार में काफी अनियमितताएं हुई थीं.’’ मंत्री ने कहा कि भाजपा नेताओं के खिलाफ 35 से अधिक मामले हैं और तीन से चार मामलों में अंतरिम रिपोर्ट पेश की गई है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने आपराधिक जांच विभाग की एक विशेष जांच टीम गठित की है. खरगे ने कहा, ‘‘हम इन मामलों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. हम इन मामलों की तह तक पहुंचेंगे. इसमें समय लगता है. पिछली सरकार में बहुत भ्रष्टाचार हुआ था. हम इस पर काम कर रहे हैं. मैं आपको फिर से आश्वस्त करना चाहता हूं कि अगले छह महीनों में भाजपा के आधे नेता जेल में होंगे या जमानत के लिए चक्कर लगाएंगे.’’ यह भी पढ़ें : छत्तीसगढ़: रायपुर पुलिस की पहल से सात लोगों को नशे की लत से छुटकारा मिला
एक सवाल पर खरगे ने कहा कि सिद्धरमैया के खिलाफ मामले को भाजपा नेता तार्किक अंजाम तक नहीं ले जा सकते क्योंकि उनके पास कोई सबूत नहीं है. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘वे केवल यही कर सकते हैं कि वे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राज्यपाल का इस्तेमाल करके मामले को बनाए रखें.’’ राज्य में राजनीतिक घमासान के लिए राज्यपाल गहलोत को जिम्मेदार ठहराते हुए खरगे ने आरोप लगाया कि राज्यपाल कठपुतली हैं और कर्नाटक के संवैधानिक प्रमुख नहीं हैं. मंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘दुर्भाग्य से राज्यपाल के पद से समझौता किया गया है और वह भाजपा कार्यकर्ता की तरह व्यवहार कर रहे हैं.’’ एक सवाल पर उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा कभी जनादेश के जरिए सत्ता में नहीं आई, बल्कि उसने जनादेश चुराया है. खरगे ने कहा कि यही एकमात्र तरीका था जिससे भाजपा कर्नाटक या अन्य जगहों पर सत्ता में आ सकती थी.