World Chess Championship: विश्व शतरंज चैम्पियनशिप में डी गुकेशने की पहली जीत, तीसरी बाजी जीत कर लिरेन को हराया
भारत के युवा शतरंज खिलाड़ी डी गुकेश ने विश्व शतरंज चैम्पियनशिप में एक दिन के विश्राम के बार शुक्रवार को चौथी बाजी के लिए जब चीन के डिंग लिरेन के खिलाफ चुनौती पेश करेंगे तो 14 बाजियों वाले इस मुकाबले की तीसरी बाजी में मिली जीत से उनका मनोबल बड़ा हुआ होगा.
सिंगापुर, 28 नवंबर: भारत के युवा शतरंज खिलाड़ी डी गुकेश ने विश्व शतरंज चैम्पियनशिप में एक दिन के विश्राम के बार शुक्रवार को चौथी बाजी के लिए जब चीन के डिंग लिरेन के खिलाफ चुनौती पेश करेंगे तो 14 बाजियों वाले इस मुकाबले की तीसरी बाजी में मिली जीत से उनका मनोबल बड़ा हुआ होगा. अठारह साल के गुकेश ने तीसरे दौर में शानदार प्रदर्शन करते हुए इस चैम्पियनशिप की अपनी पहली जीत दर्ज की. क्लासिक टाइम कंट्रोल के तहत खेली जा रही चैम्पियनशिप में अभी 11 मुकाबले बचे हुए हैं. यह भी पढें: Junior Men's Asia Cup Hockey: आत्मविश्वास से भरी भारतीय टीम का सामना पहले मैच में थाईलैंड से होगा, जबकि आखिरी ग्रुप मैच में कोरिया से भिड़ेगी
इससे पहले गुकेश को शुरुआती मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था जबकि दूसरा मुकाबला ड्रॉ रहा था. तीन बाजियों के बाद दोनों दोनों खिलाड़ियों के अब एक समान डेढ-डेढ अंक हैं.
पहली बाजी में शिकस्त का सामना करने वाले गुकेश ने स्पष्ट रूप से अपने खेल के स्तर को ऊंचा किया और बेहतर तैयारी दिखाई है. लिरेन को तीसरी बाजी में चालों की गणना करने में गलती का खामियाजा उठाना पड़ा. उन्होंने इस दौरान बहुत अधिक समय लिये जिससे उनके लिए चीजें जटिल होती चली गयी.
तेरहवीं चाल तक गुकेश के पास एक घंटे की बढ़त थी और उन्होंने सिर्फ चार मिनट खर्च किये थे. लिरेन ने दूसरी तरफ एक घंटा और छह मिनट लगा दिये थे.
खेल के पहले 120 मिनट में से 40 चालों तक समय में कोई इजाफा नहीं किया जाता. बीच में मुकाबला जटिल होने से लिरेन पर असर पड़ा और गुकेश ने सटीक चालों से उन पर दबाव बढा दिया.
गुकेश ने वही रणनीति अपनाई जो पूर्व विश्व चैम्पियन रूस के व्लादिमीर क्रामनिक ने एक रैपिड मुकाबले में भारत के अर्जुन एरिगेसी के खिलाफ अपनाई थी. एरिगेसी ने हार से बाल बाल बचते हुए वह मुकाबला ड्रॉ कराया था जबकि गुकेश ने लिरेन की सहज गलतियों का फायदा उठाकर जीत दर्ज की.
लिरेन के पास आखिरी नौ चाल के लिये सिर्फ दो मिनट और आखिरी छह चाल के लिये सिर्फ दस सेकंड बचे थे. आखिर में उनके पास समय ही बाकी नहीं रह गया. सफेद मोहरों से खेलते हुए जीत दर्ज करने के बाद गुकेश ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ बहुत अच्छा लग रहा है. पिछले दो दिन मैं अपने खेल से खुश था. आज मैने और अच्छा खेला. बोर्ड पर अच्छा लग रहा था और मैं अपने प्रतिद्वंद्वी को हराने में कामयाब रहा.’’
इससे पहले शुरुआती मुकाबले में गुकेश को बाजी के बीच में गैर जरूरी ढंग से जटिल बनाना भारी पड़ा जिससे चीन के मौजूदा चैम्पियन को जीत से आगाज करने का मौका दिया. गुकेश ने दूसरी बाजी में अच्छी वापसी करते हुए लिरेन को बराबरी पर रोका. यह मुकाबला केवल 23 चालों तक चला.
अठारह वर्षीय गुकेश विश्व खिताब के लिए सबसे कम उम्र के दावेदार हैं और वह विश्वनाथन आनंद के बाद यह खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बनने की कोशिश कर रहे हैं. आनंद ने अपने शानदार करियर में पांच बार यह खिताब अपने नाम किया है.
इस बात की संभावना अधिक है कि स्कोर बराबर होने के लिरेन आक्रामक की जगह अधिक सतर्क रवैया अपनाएं और तीसरी बाजी में की गयी गलतियों से सबक लेंगे. आत्मविश्वास से लबरेज गुकेश का ध्यान अपनी मानसिक बढ़त को बनाये रखने के साथ चीन के खिलाड़ी को वापसी का मौका नहीं देने पर होगी. चेन्नई का यह खिलाड़ी सफेद मोहरों से बेहतर खेल दिखता है और वह अगर ऐसा करना जारी रखने में सफल हुए तो लिरेन दबाव में आ जायेंगे.
लिरेन ने पिछला विश्व चैंपियनशिप खिताब रूस के इयान नेपोमनियाचची के खिलाफ तीन बार पिछड़ने के बाद जीता था। उन्होंने तब मुकाबले के आखिरी चरण में बढ़त बनायी थी और अंतिम दिन टाईब्रेकर ने खिताब के विजेता का फैसला किया था.
लिरेन की वापसी करने की क्षमता को देखते हुए उन्हें कम नहीं आंका जा सकता है. इस 32 वर्षीय खिलाड़ी ने बुधवार की हार के बाद स्पष्ट रूप से कहा, ‘‘... इस मुकाबले का परिणाम शायद आराम के दिन मेरी भावनाओं को प्रभावित करेगा.’’
अब यह देखना होगा कि वह किस तरह से वापसी करते है. गुकेश की जीत के बाद मैच दिलचस्प रूप से आगे बढ़ा है और शतरंज के शौकीनों ने शुरुआती तीन बाजियों में इससे अधिक रोमांच की उम्मीद नहीं होगी.
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