मेहसाणा, 15 जुलाई: गुजरात के मेहसाणा जिले में विद्यार्थियों के अंकपत्रों के साथ जालसाजी करने के आरोप में शनिवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. उनमें से कुछ विद्यार्थियों ने नौकरियां हासिल करने के लिए उनका इस्तेमाल भी किया. पुलिस ने यह जानकारी दी.
उसने बताया कि मुख्य साजिशकर्ता कुलदीप परमार ने 10वीं और बारहवीं कक्षाओं तथा औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्रों के अंकपत्रों के साथ जालसाजी करने के लिए अपनी ‘फोटोकॉपी’ दुकान का इस्तेमाल किया और हर अंकपत्र के लिए वह 1500 रुपये लेता था.
मेहसाणा स्थानीय अपराध शाखा ने एक विज्ञप्ति में कहा कि आरोपी ने 50 विद्यार्थियों के शैक्षणिक प्रमाणपत्रों में फेरबदल की तथा उनमें से कई को निजी कंपनियों में नौकरियां हासिल करने में मदद पहुंचायी.
परमार (23) ने किराये पर एक दुकान ले रखी है जहां उसने अच्छे अंकों वाले अंकपत्रों में नाम बदलने के लिए एडोब फोटोशॉप सॉफ्टवेयर और प्रिंटर सह स्कैनर का इस्तेमाल किया. अपराध शाखा ने बताया कि बस दो महीने में ही उसने 50 विद्यार्थियों के लिए जाली अंकपत्र बनाये तथा उनमें से कुछ विद्यार्थियों ने इन जाली अंकपत्रों के आधार पर निजी कंपनियों में नौकरियां हासिल कीं.
एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने शनिवार को उस दुकान पर छापा मारा तथा परमार एवं उसके साथी विजयसिंह लक्ष्मणसिंह को गिरफ्तार किया. पुलिस के मुताबिक इन दोनों के विरूद्ध भादंसं की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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