सूरत (गुजरात), 15 मार्च सूरत शहर में कम से कम तीन लोगों को कोविड-19 टीके लगाए बगैर ही उन्हें टीकाकरण का प्रमाणपत्र थमा दिया गया।
स्थानीय निकाय के एक बहुत वरिष्ठ अधिकारी ने इस गलती के लिए ‘‘तकनीकी खामी को जिम्मेदार बताया।’’
पंदेसरा निवासी अनूप सिंह ने बताया कि उनके पिता हरभान सिंह (62) को कोविड-19 टीकाकरण का प्रमाणपत्र जारी हो गया है, जबकि उन्हें टीका लगना अभी बाकी है।
सिंह ने कहा, ‘‘पिछले बुधवार को मैंने अपने पिता के टीकाकरण के लिए 13 मार्च को बारमोली शहरी स्वास्थ्य केन्द्र से समय लिया, लेकिन हम टीका नहीं लगवा सके क्योंकि वह शहर से बाहर थे। इसके बावजूद हमें उस तारीख पर टीकाकरण का प्रमाणपत्र मिल गया है।’’
स्थानीय निकाय सूत्रों ने बताया कि एक अन्य परिवार के दो लोगों को भी 13 मार्च को टीका लगना था, लेकिन उन्हें भी बिना टीकाकरण के प्रमाणपत्र मिल गया है।
नगर उपायुक्त (स्वास्थ्य) डॉक्टर आशीष नायक ने बताया, ‘‘हम आईटी विभाग से इस बारे में बात कर इसका समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेडिकल रिकॉर्ड के अनुसार इन लोगों को टीका नहीं लगा है लेकिन उन्हें प्रमाणपत्र मिल गया है। इसका मतलब है कि कुछ तकनीकी खामी है, हम उसे ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
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