देश की खबरें | गुजरात उच्च न्यायालय ने प्राथमिकी रद्द करने का आग्रह करने वाली तीस्ता की याचिका पर नोटिस जारी किया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. गुजरात उच्च न्यायालय ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड की एक याचिका पर बुधवार को राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। इस याचिका में उन्होंने 2002 के दंगों के मामलों में कथित रूप से फर्जी सबूत गढ़ने के लिए शहर की अपराध शाखा द्वारा उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का आग्रह किया है।

अहमदाबाद, 25 अक्टूबर गुजरात उच्च न्यायालय ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड की एक याचिका पर बुधवार को राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। इस याचिका में उन्होंने 2002 के दंगों के मामलों में कथित रूप से फर्जी सबूत गढ़ने के लिए शहर की अपराध शाखा द्वारा उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का आग्रह किया है।

न्यायमूर्ति जे सी दोशी की अदालत ने मामले में राज्य सरकार और जांच अधिकारी को नोटिस जारी किया और उन्हें 29 नवंबर तक इसका जवाब देने को कहा।

अदालत ने मामले में सुनवाई पर रोक लगाकर अंतरिम राहत देने का आग्रह करने वाली सीतलवाड की याचिका पर सरकार को भी नोटिस जारी किया। सरकार को भी 29 नवंबर तक इसका जवाब देना है।

अदालत ने जांच अधिकारी को छानबीन में हुई प्रगति को लेकर एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया और याचिकाकर्ता को हलफनामे के माध्यम से अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने की अनुमति दी।

एक सत्र अदालत ने मामले में आरोप मुक्त करने की सीतलवाड की याचिका खारिज कर दी थी। जबकि गुजरात उच्च न्यायालय ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था जिसके बाद उच्चतम न्यायालय ने इस साल जुलाई में उन्हें जमानत दी थी।

सीतलवाड और दो अन्य - राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक आर बी श्रीकुमार और भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी संजीव भट्ट - को शहर की अपराध शाखा ने जून 2022 में गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने जालसाजी की और 2002 के दंगों से जुड़े मामलों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत गुजरात सरकार के अधिकारियों को फंसाने के इरादे से झूठे सबूत गढ़े थे।

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