Gujarat: प्रयोगशाला में लगी आग, अस्पताल के मरीजों को चादर में लपेटकर बचाया गया

अधिकारियों के अनुसार, अस्पताल में 10 मरीज थे जिन्हें बचाकर सरकारी अस्पताल ले जाया गया. प्रयोगशाला के प्रबंधक हार्दिक ठक्कर ने कहा, “आग कैसे लगी, यह नहीं कहा जा सकता क्योंकि वहां बहुत से उपकरण रखे हैं. हमारे पास सभी आग अनापत्ति प्रमाण पत्र और आवश्यक उपकरण हैं.”

(Photo : Pixabay)

जूनागढ़: गुजरात (Gujarat) के जूनागढ़ (Junagadh) शहर में सोमवार को तड़के एक प्रयोगशाला (Laboratory) में आग (Fire) लगने और उससे बगल के निजी अस्पताल (Private Hospital) में धुआं भरने के बाद, स्ट्रेचर (Stretcher) के आने की प्रतीक्षा किये बिना, अस्पताल के सचेत कर्मचारियों ने चादर में लपेटकर जल्दी से मरीजों को बाहर निकाला. अस्पताल में आग नहीं लगी थी लेकिन एक डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला (Diagnostic Laboratory) में आग लगने के कारण उसमें ढेर सारा धुआं भर गया था. Gujarat: ट्रैक्टर-कार भिड़ंत में भाई-बहन समेत पांच लोगों की मौत, दो घायल

अस्पताल और प्रयोगशाला दोनों, सरदार बाग इलाके में स्थित एक इमारत के पहले तल पर मौजूद हैं जहां तड़के लगभग साढ़े चार बजे आग लगी. डॉक्टरों ने बताया कि अस्पताल से कुल 10 मरीजों को बचाया गया और उन्हें शहर के सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया.

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि धुएं के कारण पांच मरीजों को सांस लेने में समस्या हुई और उन्हें बाद में उपचार के लिए एक अन्य निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया. अधिकारियों ने कहा कि ज्यादातर मरीजों की हालत खतरे से बाहर है.

उन्होंने कहा कि डायग्नोस्टिक केंद्र में आग लगने के साथ ही धुआं उठने लगा जो पास के कनेरिया अस्पताल में भर गया. उन्होंने कहा कि परेशानी और असमंजस की स्थित में मरीजों को आपातकालीन दरवाजे से अस्पताल से बाहर निकाला गया और उपचार के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया.

अधिकारियों के अनुसार, अस्पताल में 10 मरीज थे जिन्हें बचाकर सरकारी अस्पताल ले जाया गया.

प्रयोगशाला के प्रबंधक हार्दिक ठक्कर ने कहा, “आग कैसे लगी, यह नहीं कहा जा सकता क्योंकि वहां बहुत से उपकरण रखे हैं. हमारे पास सभी आग अनापत्ति प्रमाण पत्र और आवश्यक उपकरण हैं.”

अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि प्रथम दृष्टया लगता है कि इन्वर्टर में शार्ट सर्किट होने से आग लगी होगी लेकिन फोरेंसिक जांच के बाद सटीक कारण पता चल पाएगा.

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