अहमदाबाद, 28 नवंबर अहमदाबाद की एक अदालत ने मंगलवार को कांग्रेस विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी तथा छह अन्य लोगों को गैरकानूनी सभा और दंगा के 2016 के एक मामले में बरी कर दिया।
अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पीएन गोस्वामी की अदालत ने मेवाणी, मानाभाई पटेलिया, रमेश बारिया, मुकेश पटेल, दशरथ पागी, मीश नरसिंह और दर्शन पथड़िया को बरी कर दिया, जिनके खिलाफ गैरकानूनी रूप से सभा करने, दंगा करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।
उनके खिलाफ सितंबर 2016 में पुलिस वाहन को नुकसान पहुंचाने, नारे लगाने और दंगा करने का आरोप था। यह मामला अहमदाबाद नगर निगम के सफाई कर्मचारियों के समर्थन में शहर के आयकर चौराहे पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के दौरान मेवाणी व अन्य लोगों को हिरासत में लेने से संबंधित था।
मेवाणी और अन्य के खिलाफ नवरंगपुरा पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं तथा सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, बिना पूर्व अनुमति के विरोध प्रदर्शन आयोजित करने पर हिरासत में लिए जाने के दौरान उन्होंने पुलिस वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था और एक चालक की पिटाई की थी।
मेवाणी ने दिसंबर 2022 का विधानसभा चुनाव वडगाम सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में जीता था और वह पार्टी की गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष हैं।
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