जरुरी जानकारी | सरकार की उधारी कम होने से वृद्धि को मिलेगी गति, मुद्रास्फीति में आएगी नरमी: आरबीआई गवर्नर

नयी दिल्ली, 12 फरवरी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि बाजार अनुमान से कम सरकारी उधारी निजी क्षेत्र के लिए पूंजी की उपलब्धता बढ़ाएगी। इससे मुद्रास्फीति में कमी आएगी और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।

दास ने यहां कहा, ‘‘इस साल की उधारी बाजार की शुरुआती उम्मीद से कम है। उधारी की कम मात्रा का मतलब है... कि निजी क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंकों में अधिक संसाधन उपलब्ध होंगे।’’

उन्होंने कहा कि कम सरकारी उधारी आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने वाला कदम है क्योंकि इससे निजी क्षेत्र को अपना निवेश करने के लिए अधिक ऋण उपलब्ध होगा।

दास ने कहा, ‘‘इसके अलावा, इससे मुद्रास्फीति के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलनी चाहिए।’’

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट में एक अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए दिनांकित यानी निश्चित अवधि में परिपक्व होने वाली दीर्घकालीन प्रतिभूतियां जारी कर 14.13 लाख करोड़ रुपये उधार लेने का प्रस्ताव रखा है।

यह पिछले साल के 15.43 लाख करोड़ रुपये के सकल उधार अनुमान से कम है। पिछले साल की उधारी अबतक की सबसे अधिक थी।

बढ़ते राजस्व और सरकार की राजकोषीय मजबूत के उपायों के कारण वित्त वर्ष 2024-25 के लिए उधारी का अनुमान कम रखा गया है।

मौद्रिक नीति के लिए कर्ज के महत्व के बारे में दास ने कहा, ‘‘मौद्रिक नीति बनाते समय यह उन कारकों में से एक है जिसे ध्यान में रखा जाता है। यह वृद्धि को बढ़ावा देने के साथ मुद्रास्फीति के स्तर को कम करने में मदद करता है।’’

आरबीआई गवर्नर ने कर्ज-जीडीपी अनुपात पर कहा कि यह कोविड ​​​​अवधि के दौरान 88 प्रतिशत के उच्चस्तर पर पहुंच गया था। उसके बाद से यह नरम हो रहा है।

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