नयी दिल्ली, छह जून कांग्रेस ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत काम की मांग करने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि का हवाला देते मंगलवार को कहा कि सरकार आंकड़ों के ‘हेडलाइन मैनेजमेंट’ से उन आर्थिक संकटों को नहीं छिपा सकती, जिनका सामना जनता कर रही है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी सरकार ‘रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह’ को लेकर बहुत हंगामा करती है, जो एक अपेक्षित गणितीय वास्तविकता के अलावा कुछ नहीं है...लेकिन आप ढोल पीटने वालों को मई में मनरेगा के तहत काम की मांग करने वाले लोगों की रिकॉर्ड संख्या के बारे में बात करते हुए नहीं सुनेंगे।’’
उन्होंने दावा किया कि पिछले महीने 3 करोड़ से अधिक परिवारों ने इस योजना के तहत काम की मांग की है।
रमेश ने कहा, ‘‘जीडीपी वृद्धि या जीएसटी संग्रह के आंकड़ों से हेडलाइन मैनेजमेंट करके भारत के लोग जिस तरह की आर्थिक संकटों का सामना कर रहे हैं, उसे छुपाया नहीं जा सकता है। मनरेगा की मांग केवल एक सदी में एक बार होने वाली महामारी के दौरान अधिक थी। यह ग्रामीण भारत में आर्थिक संकट के स्तर को दर्शाता है, जिसे हमने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान बार-बार देखा और महसूस किया।’’
उल्लेखनीय है कि कृषि, विनिर्माण, खनन और निर्माण क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से देश की आर्थिक वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में 6.1 प्रतिशत रही। इसके साथ पूरे वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत पर पहुंच गई।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह मई में 12 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.57 लाख करोड़ रुपये रहा है।
हक
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