जयपुर, 16 अक्टूबर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार के स्तर पर जनजातीय क्षेत्र के लोगों को यह अनुभव कराना जरूरी है कि वे मुख्यधारा से जुड़े हुए हैं।
मिश्र ने जनजाति कल्याण के लिए संचालित योजनाओं और विकास कार्यों की प्रगति की ऑनलाइन समीक्षा करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि जनजातीय और गैर जनजातीय क्षेत्र में असमानता कैसे रुके इसके समाधान के लिए भी प्रभावी प्रयास किये जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि सामंजस्य, समरसता का भाव रखते हुए सभी मिलकर जनजातीय विकास के लिए कार्य करेंगे तभी उन्हें महसूस होगा कि वे मुख्य धारा से जुड़े हुए हैं।
उन्होंने आदिवासी क्षेत्र के विकास के लिए महाराष्ट्र विकास मॉडल का परीक्षण कर उसे लागू किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि असली मकसद यही है कि जनजाति क्षेत्रों के लोगों का अधिकाधिक कल्याण हो। इसमें किसी स्तर पर कोताही नहीं की जानी चाहिए।
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मिश्र ने इस बात पर नाराजगी भी जताई कि जनजाति क्षेत्रों में प्रधानमंत्री सड़क ग्राम योजना के लिए राशि मिलने के बाद भी सड़कें क्यों नहीं बनीं। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी इसे विशेष रूप से देखें।
उन्होंने बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, पाली, राजसमन्द, सिरोही, चित्तौड़गढ़ और उदयपुर के जिलाधिकारियों से वहां जनजाति क्षेत्र के विकास के लिए क्रियान्वित की जा रही योजनाओं के बारे में भी जानकारी ली।
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