नयी दिल्ली, 4 अप्रैल : दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार ने प्रासंगिकता खो रहे डाकघरों का पुनरूद्धार करते हुए इन्हें सेवा प्रदान करने वाला संस्थान बनाने और इन्हें बैंकों में तब्दील करने के लिए पिछले नौ साल में कई प्रयास किए हैं. वैष्णव ने डाकघर विधेयक 2023 को विचार एवं पारित करने के लिए उच्च सदन में रखते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि यह विधेयक 125 साल पुराने डाकघर कानून में संशोधन करने के लिए लाया गया है. उन्होंने कहा कि देश भर में डाक, डाकघर और डाकिया ऐसे संस्थान है जिन पर देश और जन-जन का काफी विश्वास है.
उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा आ गया था जब लगने लगा था कि डाक और डाकघर अप्रांसगिक हो गये हैं. उन्होंने कहा कि विशेषतौर पर पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के शासन काल में इसे खत्म करने की बात होने लगी थी. वैष्णव ने कहा कि लेकिन पिछले नौ वर्ष में जिस प्रकार से डाकघर संस्थान के पुनरूद्धार के प्रयास किए गए उसकी छाप इस विधेयक में दिखाई पड़ती है. उन्होंने कहा कि पिछले नौ साल में डाक, डाकघर और डाकिया संस्थान को चिट्ठी बांटने के स्थान पर सेवा प्रदान करने वाले संस्थान के रूप में बदला गया है.
उन्होंने कहा कि डाकघरों को व्यावहारिक रूप से एक बैंक में तब्दील किया गया है. उन्होंने कहा कि डाकघरों के विस्तार को देखें तो 2004 से 2014 के बीच 660 डाकघर बंद किए गए वहीं 2014 से 2023 के बीच में करीब 5,000 नये डाकघर खोले गये तथा करीब 5746 डाकघर खुलने की प्रक्रिया में हैं. दूरसंचार मंत्री ने कहा कि 1,60,000 डाकघरों को कोर बैंकिंग और डिजिटल बैंकिंग से जोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि डाकघर में बने 434 पासपोर्ट सेवा केंद्रों में अभी तक करीब सवा करोड़ पासपोर्ट आवेदनों पर समुचित कार्रवाई की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि 13,500 डाकघर आधार सेवा केंद्र खोले जा चुके हैं.
उन्होंने कहा कि डाकघरों में तीन करोड़ से अधिक सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए हैं जिसमें एक लाख 41 हजार करोड़ रूपये जमा हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि डाकघर निर्यात सुविधा एक ऐसी सुविधा है जिसमें देश के दूरदराज में रहने वाला कोई भी व्यक्ति अपने समान का निर्यात दुनिया में कहीं भी कर सकता है. उन्होंने कहा कि अभी 867 डाक निर्यात केंद्र खोले गये हैं जिसमें 60 करोड़ रूपये से अधिक का निर्यात किया गया है. उन्होंने कहा कि यह जो छोटा सा विधेयक लाया गया है उसका मुख्य उद्देश्य डाकघरों को चिट्ठी सेवा से सेवा प्रदाता बनाने और डाकखानों को बैंकों में तब्दील करने का है.
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