जरुरी जानकारी | लंबित उपभोक्ता मामलों के निपटारे के लिए सरकार लोक अदालतों का आयोजन करेगी

नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 12 नवंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत और दिसंबर में महाग्राहक लोक अदालत आयोजित करने की योजना बनाई है। लंबित उपभोक्ता मामलों को निपटाने के लिए एक विशेष अभियान के तहत इन लोक अदालतों का आयोजन किया जा रहा है।

सरकार का लक्ष्य राज्य और जिला उपभोक्ता अदालतों में लोक अदालत को संस्थागत बनाना और उपभोक्ता मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए सप्ताह में एक दिन विशेष रूप से आवंटित करना है।

लोक अदालत वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्रों में से एक है। यह एक ऐसा मंच है, जहां लंबित विवादों या मामलों को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाया जाता है। कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत लोक अदालतों को वैधानिक दर्जा दिया गया है।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘इस कवायद के लिए तैयारी पहले ही शुरू कर दी गई है और सभी उपभोक्ता आयोगों को उन मामलों की पहचान करने के लिए कहा गया है, जिन्हें निपटाया जा सकता है। ऐसे लंबित मामलों की एक सूची तैयार की जा सकती है, जिन्हें लोक अदालत में भेजा जा सकता है।’’

उन्होंने कहा कि लोक अदालत एक सुविधाजनक मंच मुहैया कराती है, जहां आयोगों में लंबित विवादों या मामलों का सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटारा किया जा सकता है।

इस पहल को प्रभावी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी की मदद भी ली जा रही है। उपभोक्ता मामलों के विभाग की वेबसाइट पर एक अलग लिंक बनाया गया है, जहां कोई भी अपना लंबित मामला दर्ज कर सकता है। इस तरह मामले को आसानी से लोक अदालत में भेजा जा सकता है।

अधिकारी ने बताया कि इस लिंक को ई-मेल और एसएमएस के जरिये भी हितधारकों तक पहुंचाया जा रहा है और अभी तक कुल 2,910 सहमति मिली हैं।

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