लखनऊ, 30 नवंबर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को कहा कि सरकार को विपक्ष के 12 सांसदों के निलंबन का मामला बातचीत से सुलझाना चाहिए और इस पर कड़ा रुख नहीं अपनाना चाहिए।
यहां बसपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में राज्यसभा से 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन के बारे में पूछे जाने पर मायावती ने कहा, "सरकार को इस मामले पर कड़ा रुख नहीं अपनाना चाहिए और बातचीत से मामले को सुलझाना चाहिए। मामला पिछले संसद सत्र का है और अब शीतकालीन सत्र चल रहा है।"
गौरतलब है कि संसद के सोमवार को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मॉनसून सत्र के दौरान ‘‘अशोभनीय आचरण’’ करने के लिए, वर्तमान सत्र की शेष अवधि तक के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया।
उपसभापति हरिवंश की अनुमति से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस सिलसिले में एक प्रस्ताव रखा, जिसे विपक्षी दलों के हंगामे के बीच सदन ने मंजूरी दे दी। जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें कांग्रेस के छह, तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना के दो-दो और भाकपा और माकपा के एक-एक सदस्य शामिल हैं।
बसपा प्रमुख ने पत्रकारों को बताया कि आज (मंगलवार को)बसपा के लखनऊ कार्यालय में पार्टी के ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के मुस्लिम और जाट समाज के मुख्य और मंडल सेक्टर स्तर के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई जिनको प्रदेश की आरक्षित विधानसभा सीटों पर अपने-अपने समाज के लोगों को बसपा में जोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उत्तरप्रदेश विधानसभा में 403 सीटें हैं जिनमें 86 सीटें अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित की गई है। पिछले दिनों भी मायावती ने बैठक करके इन सीटों पर चुनाव जीतने के लिए रणनीति बनाई।
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