जयपुर, 11 सितंबर एक समय बहुत सामान्य दिखाई देने वाला और सुविधाओं के अभाव के साथ-साथ छात्रों के नामांकन में कमी की चुनौतियों का सामना कर रहा एक सरकारी स्कूल आज न केवल आकर्षक विद्यालय के रूप में पहचान बना चुका है, बल्कि यहां नामांकन में भी खासी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
बात है राजस्थान के अलवर जिले के साहोडी गांव स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की, जिसमें दीवारों पर पेंसिल और किताबों के डिजाइन वाली रंग-बिरंगी चित्रकारी की गई है और इसने न केवल अपने विद्यार्थियों को, बल्कि उनके अभिभावकों को भी आकर्षित किया है और विद्यालय में नामांकन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
स्कूल की दीवारों, उसकी कक्षाओं में पेंसिल, अक्षर, किताबें और प्रेरणादायक उद्धरण चित्रित हैं और पानी की टंकी को एक रंगीन आकर्षक बोतल का आकार देकर एक नया रूप दिया गया है। जिससे विगत दो वर्षों में नामांकन लगभग दोगुना हो गया है।
राजस्थान में केवल यही एकमात्र स्कूल नहीं है जिसने अपनी अलग पहचान बनाई है, बल्कि ऐसे सैकड़ों सरकारी स्कूल हैं, जिन्होंने अपनी अनूठी डिजाइन के साथ एक अलग जगह बनाई है।
उन स्कूलों में न केवल नामांकन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, बल्कि स्वच्छता, अनुशासन और अध्ययन के माहौल जैसे अन्य पहलुओं में भी सुधार हुआ है। इन स्कूलों का कायाकल्प दानदाताओं, संगठनों के साथ साथ सरकारी फंड से भी किया जा रहा है।
साहोडी के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की प्रधानाचार्य किरण ने ‘पीटीआई-’ को बताया, “जब मैंने प्रिंसिपल का पद संभाला था, तब स्कूल की इमारत अच्छी स्थिति में नहीं थी।’’
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