नयी दिल्ली, सात नवंबर पंजाब में कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को एक बार फिर कहा कि भारत सरकार इन कानूनों पर किसानों से चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि पंजाब में चालू खरीफ सीजन में पिछले साल के मुकाबले 27 प्रतिशत अधिक खरीद हुई है और इस दौरान वहां खरीद केंद्रों की संख्या भी दोगुनी हुई है।
पत्रकारों के एक समूह से अनौपचारिक चर्चा में तोमर ने कहा, ‘‘किसान को किसी भी प्रकार की तकलीफ है और उसे ऐसा लगता है कि इन कानूनों से उसे किसी प्रकार का नुकसान हो रहा है तो भारत सरकार उनसे बातचीत के लिए किसी भी समय तैयार है।’’
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उनके साथ मौजूद केंद्रीय वाणिज्य व रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी स्पष्ट किया, ‘‘सरकार के दरवाजे बातचीत के लिए हमेशा खुले हैं।’’
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गोयल ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से फोन पर भी बातचीत की और उनसे किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया।
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तोमर ने बताया कि पिछले छह वर्षों में धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उनके मुताबिक वर्ष 2013-14 में धान की एमएसपी 1310 रुपये प्रति क्विंटल थी जबकि 2020-2021 में यह बढ़कर 1868 हो गई।
उन्होंने बताया, ‘‘मोदी सरकार में कृषि उपज के साथ-साथ खरीद केंद्रों की संख्या भी बढ़ी है। वर्ष 2013-2014 के मुकाबले चालू सीजन में पंजाब और हरियाणा समेत पूरे देश में धान की खरदी दोगुने से भी जयादा हो रही है। सिर्फ पंजाब में चालू खरीफ सीजन में छह नवंबर तक पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 27 प्रतिशत अधिक खरीदी हुई है।’’
उन्होंने कहा कि 2013-14 के मुकाबले पंजाब में धान के खरीद केंद्रों की संख्या भी दोगुनी हो गई है। उन्होंने बताया, ‘‘पिछले छह वर्षों में पंजाब और हरियाणा में धान खरीद के लिए किया जा रहा भुगतान भी दोगुना हो गया है। इस दौरान दोनों राज्यों में गेहूं खरीद केंद्रों की संख्या भी चार गुनी हो गई।’’
तोमर ने बताया कि कृषि सुधार की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से न सिर्फ किसानों की आय बढ़ी है बल्कि इससे उनके जीवन में भी समृद्धि आई है।
मालूम हो कि पंजाब में नए कृषि कानूनों को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इसके चलते किसानों ने रेल की पटरियों पर चक्का जाम किया हुआ है और राज्य में 24 सितंबर से ट्रेनों का परिचालन बंद है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि पिछले छह सालों में दलहन की खरीदी में 74 गुना और तिलहन की खरीदी में लगभग 10 गुना की वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘कृषि सुधार कानूनों के आने के बाद खरीफ फसलों की खरीदी के लिए सुचारू व्यवस्था बनाई गई है। अभी तक धान की 236 लाख टन की खरीदी कर ली गई है जो इस अवधि में पिछले वर्ष 197 लाख टन थी। यह पिछले वर्ष से 21 प्रतिशत अधिक है।’’
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