किसानो से घबराकर कृषि कानून वापस ले रही है सरकार: अध्यक्ष अखिलेश यादव

तीन कृषि कानूनों की वापसी के लिये किसानों को बधायी देते हुये समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि सरकार किसानों से घबराकर इन कानूनों को वापस ले रही है . उन्होंने कहा ‘‘मैं इसका पूरा श्रेय देश भर के किसानों को दे रहा हूं .

अखिलेश यादव (Photo: Twitter)

लखनऊ, 19 नवंबर : तीन कृषि कानूनों की वापसी के लिये किसानों को बधायी देते हुये समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि सरकार किसानों से घबराकर इन कानूनों को वापस ले रही है . उन्होंने कहा ‘‘मैं इसका पूरा श्रेय देश भर के किसानों को दे रहा हूं . किसानों की मदद करनी चाहिये. समाजवादी पार्टी की मांग है कि केंद्र सरकार एमएसपी के लिये कानून लाये .’’ एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा ''देश के सभी किसानों को मैं बधाई देना चाहता हूं जिनके संघर्ष और आंदोलन के परिणाम स्वरूप आज तीनों काले कानून वापस लिये गये हैं . काले कानून की वापसी अंहकार की हार हैं . यह किसानों की जीत है, लोकतंत्र की जीत है . सैकड़ों किसानों की मौत के आगे झूठ की माफी नही चलेगी .''

सपा अध्यक्ष ने कहा ''जिन लोगों ने माफी मांगी है वह लोग हमेशा के लिये राजनीति छोड़ने का भी वचन दें . जिस तरह तीन काले वापस हुये हैं, उससे साफ है कि सरकार डर गयी हैं,और वोट के लिये कानून वापस हुये हैं .'' यादव ने कहा ‘'सरकार की नजर में किसान किसान नहीं है, किसानों को कितना अपमानित किया गया, क्या क्या नहीं सुनना पड़ा. जिन शब्दों का इस्तेमाल किया गया, कोई कल्पना भी नही कर सकता कि अन्नदाता के लिये यह शब्द भी इस्तेमाल किये जा सकते हैं, वह भारतीय जनता पार्टी ने इस्तेमाल किये . उनके सहयोगी और साथियों ने हर मौके पर किसानों को अपमानित किया है . इसकी सामूहिक जिम्मेदारी होती हैं इसलिये सरकार को इस्तीफा देना चाहिये .'' यह भी पढ़ें : ग्रेटर नोएडा में वायु प्रदूषण फैलाने के लिए 13 ठेकेदारों, बिल्डरों पर लगभग 10 लाख रुपये का जुर्माना

यादव ने कहा कि नोटबंदी करने से क्या अर्थव्यवस्था आज सुधर गयी . उन्होंने कहा कि वह फैसला भी गलत था. उन्होंने कहा ‘‘यह जरूरी नहीं है कि चुनाव के बाद फिर ऐसा कोई कानून नहीं आएगा . सरकार में ऐसे लोग हैं. इसका भरोसा कौन दिलायेगा कि भविष्य में ऐसे कानून नहीं आयेंगे जिससे किसानों को संकट में डाला जाये . और अगर इनकी (सरकार की) नीयत साफ होती तो आज किसानों को खाद के लिये लाइन में नही लगना पड़ता .’’

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