नयी दिल्ली, 20 दिसंबर कांग्रेस ने संसद का शीतकालीन सत्र के समापन के बाद शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इस सत्र के दौरान जो कुछ किया, वो फासीवाद का उदाहरण है।
मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि संसद परिसर में ‘धक्का-मुक्की’ की घटना की सीसीटीवी फुटेज जारी की जाए तथा उसकी ओर से पुलिस में की गयी शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जाए।
राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि अमित शाह के बयान से साबित हो गया कि यदि लोकसभा चुनाव में भाजपा को 400 सीटें मिलतीं तो बाबासाहेब का संविधान खत्म हो जाता और ‘मोदी जी का संविधान’ होता।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम इस मांग पर कायम हैं कि गृह मंत्री को माफी मांगनी चाहिए और पद से इस्तीफा देना चाहिए। जिसने संविधान निर्माता का अपमान किया हो, उसे मंत्री पद पर नहीं रहना चाहिए।’’
तिवारी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को माफी मांगनी चाहिए क्योंकि शाह का समर्थन करके वह भी बाबासाहेब के अपमान में बराबर के भागीदार बने हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हाल की घटनाओं पर नजर डालें तो जो कुछ मोदी सरकार ने किया है, वो फासीवाद का उदाहरण है। इसीलिए मैं कहता हूं कि भारतीय जनता पार्टी एक फासीवादी पार्टी है।
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने कहा कि भाजपा कितना भी ध्यान भटकाने की कोशिश कर ले, वो शाह के भाषण से संबंधित 12 सेकेंड का वीडियो सत्तारूढ़ दल तथा शाह पर भारी पड़ेगा।
उनका कहना था कि अगर भाजपा को लगता है कि प्राथमिकी दर्ज करने से राहुल गांधी जी झुक जाएंगे, तो ये उनकी गलतफहमी होगी।
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