देश की खबरें | स्पष्टीकरण प्राप्त करने के लिए मिला था राज्यपाल से: के एस ईश्वरप्पा

बेंगलुरु, सात अप्रैल विभाग के कामकाज में मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के कथित सीधे हस्तक्षेप के विरूद्ध राज्यपाल से मुलाकात करने के कदम का बचाव करते हुए कर्नाटक के ग्रामीण विकास मंत्री के एस ईश्वरप्पा ने बुधवार को कहा कि उनकी यह भेंट शिकायत के लिए नहीं बल्कि स्पष्टीकरण प्राप्त करने के लिए थी।

मुख्मयंत्री बदलने की अटकलों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा उनके नेता हैं और उनके लिए पार्टी के प्रति निष्ठा सर्वोपरि है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मैं इस विषय पर ज्यादा नहीं बोलना चाहता क्योंकि हमारे राष्ट्रीय नेता इसमें हस्तक्षेप कर हैं और मुझे विश्वास है कि वे इसका हल कर लेंगे... कामकाज नियमावली, 1977 के अनुसार मुख्यमंत्री सीधे चीजों में हस्तक्षेप नहीं कर सकते।’’

ईश्वरप्पा ने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री विभागों को धनराशि का आवंटन कर सकते हैं लेकिन उसका वितरण विभाग पर छोड़ दिया जाता है।’’

उन्होंने कहा कि वह स्पष्टीकरण प्राप्त करने के लिए राज्यपाल वजूभाई वाला के पास गये थे क्योंकि उन्हें गुजरात के वित्त मंत्री के रूप में 17-18 साल का अनुभव है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं स्पष्टीकरण प्राप्त करने के लिए गया था, न कि शिकायत करने। मैंने न तो कोई शिकायत की है और न ही करूंगा.... चूंकि मुख्यमंत्री ने सीधे (विधायकों को) धनराशि मंजूर की है, ऐसे में स्पष्टीकरण पाने के लिए मैं राज्यपाल के पास गया था।’’

पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा , ‘‘ इसके सिवा और कुछ नहीं है। ’’

उन्होंने येदियुरप्पा की शिकायत करने की खबरों को गलत करार दिया।

कर्नाटक के पार्टी मामलों के प्रभारी भाजपा महासचिव अरूण सिंह ने राज्यपाल के पास जाने के ईश्वरप्पा के आचरण को अस्वीकार करार दिया था जबकि कई मंत्रियों एवं विधायकों ने मुख्यमंत्री का जबर्दस्त समर्थन किया था।

अपनी ओर से कोई अनुशासनहीनता किये जाने को इनकार करते हुए ईश्वरप्पा ने कहा कि उन्होंने अबतक मुख्यमंत्री की सार्वजनिक रूप से न ता आलोचना की है और न ही उनकी शिकायत की है।

जब उनसे पार्टी महासचिव सी टी रवि जैसे पार्टी नेताओ को पत्र लिखे जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘ वे हमारे पार्टी नेता हैं , क्या मुझे यह पत्र जद(एस) नेता एचडी देवेगौड़ा या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार को देना चाहिए।’’

ईश्वरप्पा ने कहा कि उन्होंने बातों को नेताओं, जो ‘भाजपा परिवार का हिस्सा हैं, के समक्ष रखा, उन्होंने किसी कार्रवाई की मांग करते हुए शिकायत नहीं की है। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के हित के विरूद्ध कभी नहीं जा सकते क्योंकि उनके लिए पार्टी ‘‘मां’’ है।

उनके पीछे भाजपा महासचिव (संगठन) बी एल संतोष का हाथ होने और मुख्यमंत्री बदलने की योजना संबंधी विपक्ष के नेता (कांग्रेस) सिद्धरमैया के आरोप पर ईश्वरप्पा ने कहा कि उनके पास काम नहीं है, इसलिए वह ऐसी बातें कर रहे हैं।

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