नयी दिल्ली, तीन नवंबर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के अंतिम चरण के तहत प्रदूषणकारी गतिविधियों पर प्रतिबंधों को लागू किए जाने को लेकर शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
दिल्ली में बृहस्पतिवार को 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 450 दर्ज किया गया जो ‘अति गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के करीब है। दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी बृहस्पतिवार को बढ़कर 38 प्रतिशत हो गई, जो अब तक इस वर्ष सबसे अधिक है। पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि और अनुकूल परिवहन-स्तरीय हवा की गति के कारण ऐसा हुआ।
दिल्ली सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति की दहलीज पर है। ऐसे में हालात को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने बृहस्पतिवार को दिल्ली और आसपास के एनसीआर जिलों में डीजल से चलने वाले चार पहिया हल्के मोटर वाहनों (एलएमवी) के चलने और राष्ट्रीय राजधानी में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया।
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के अंतिम चरण के तहत प्रदूषण रोधी उपायों के हिस्से के रूप यह कदम उठाया गया है।
सीएक्यूएम द्वारा जारी एक आदेश के मुताबिक, बीएस-6 मानक वाले वाहनों और आवश्यक व आपातकालीन सेवा में इस्तेमाल हो रहे वाहनों को छूट दी गई है।
सीएक्यूएम के आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने, गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों और ‘सम-विषम’ के आधार पर वाहनों के चलने पर फैसला ले सकती है।
केंद्र व राज्य सरकारें घर से काम करने की इजाजत पर फैसला ले सकती हैं।
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