पणजी, 22 अगस्त : गोवा में एक रेस्तरां के खिलाफ दर्ज शिकायत पर दूसरी सुनवाई सोमवार को यानी आज यहां राज्य के आबकारी आयुक्त के समक्ष होगी. इस रेस्तरां के बारे में कांग्रेस नेताओं ने दावा किया था कि यह केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी से संबद्ध है. पहली सुनवाई 29 जुलाई को आबकारी आयुक्त नारायण गैड ने की थी, जिन्होंने उत्तरी गोवा के असगाओ स्थित ‘सिली सोल्स कैफे एंड बार’ रेस्तरां को नोटिस जारी किया था. स्मृति ईरानी ने अपनी बेटी का नाम रेस्तरां से जोड़ने के लिए कांग्रेस के तीन नेताओं के खिलाफ मानहानि का दीवानी मुकदमा दायर किया है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले पर सुनवाई के दौरान कहा था कि ईरानी और उनकी बेटी न तो गोवा में रेस्तरां की मालिक हैं और न ही उन्होंने रेस्तरां में भोजन तथा पेय पदार्थों देने के वास्ते लाइसेंस के लिए कभी आवेदन किया, जैसा कि आरोप लगाया गया है.
सामाजिक कार्यकर्ता आयरेज रॉड्रिग्स ने 29 जून को एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मापुसा में आबकारी कार्यालय ने एक मृत व्यक्ति एंथनी डीगामा के नाम पर रेस्तरां के आबकारी लाइसेंस को अवैध रूप से नवीनीकृत किया. शिकायत में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) द्वारा जारी एक मृत्यु प्रमाण पत्र का हवाला देते हुए कहा गया कि 17 मई 2021 को डीगामा की मृत्यु हो गई थी. शिकायत की पहली सुनवाई के दौरान 29 जुलाई को आबकारी आयुक्त ने विचार के लिए दो मुद्दे तय किए थे. इसमें से पहला मुद्दा था क्या एंथनी डीगामा ने आबकारी लाइसेंस झूठे अपर्याप्त दस्तावेज जमा करके और तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करके प्राप्त किया था? और दूसरा मुद्दा था क्या आबकारी अधिकारियों द्वारा प्रक्रियात्मक अनियमितताएं की गईं? डीगामा परिवार को इस संबंध में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है. शिकायतकर्ता के अनुसार आबकारी नियम के तहत केवल लाइसेंस वाले रेस्तरां को बार लाइसेंस जारी करने की अनुमति है, लेकिन 18 फरवरी 2021 को आबकारी विभाग ने मानदंडों का उल्लंघन करते हुए इस रेस्तरां को लाइसेंस जारी किया.
शिकायत में कहा गया कि लाइसेंस एंथनी डीगामा के नाम पर जारी किया गया था, जबकि वह मुंबई का निवासी था. डीगामा का आधार कार्ड आबकारी लाइसेंस के लिए आवेदन देने से कुछ दिन पहले 30 दिसंबर 2020 को जारी किया गया था. शिकायतकर्ता ने अनिवार्य पुलिस सत्यापन नहीं किए जाने का आरोप भी लगाया है. डीगामा के परिवार के वकील बेनी नाजरथ ने पुर्तगाली नागरिक संहिता के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा था कि किसी मामले में जब पति या पत्नी की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी शक्तियां (इस मामले में शराब लाइसेंस) स्वत: ही जीवनसाथी को स्थानांतरित हो जाती हैं. मामले में पहली सुनवाई के दौरान डीगामा के परिवार के सदस्यों ने अधिकारियों से कहा था कि यह पूरी तरह से उनका कारोबार है और इसमें कोई अन्य व्यक्ति शामिल नहीं है.