जयपुर, 28 सितंबर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बार बार राजस्थान दौरे पर आने पर एक बार फिर कटाक्ष करते हुए बृहस्पतिवार को कहा, 'अब तो राष्ट्रपति का आना बाकी' रह गया है।
इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि वह उपराष्ट्रपति का बहुत सम्मान करते हैं लेकिन चुनावी माहौल में उनके दौरों से कई तरह के संदेश जाएंगे जो लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं होगी।
गहलोत ने बुधवार को भी धनखड़ के दौरों को लेकर कटाक्ष किया था।
उपराष्ट्रपति के जल्दी जल्दी राज्य के दौरे पर आने को लेकर पूछे गए सवाल पर गहलोत ने बृहस्पतिवार को बहरोड़ जिले में पत्रकारों से कहा कि ‘अब तो राष्ट्रपति का आना बाकी” रह गया है।
गहलोत ने साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की प्रशंसा करते हुए कहा, 'हमारी राष्ट्रपति बहुत ही महान हैं। बहुत समझदार हैं और गरीबों के लिए समर्पित हैं। आदिवासी हों, दलित हों, पिछड़े हों, देश के लोग हो, उनके लिए वह बहुत ही समर्पित हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार “बाकी संस्थाओं पर दबाव न बनाए” और संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों के दौरे ऐसी स्थिति पैदा न करे कि वह प्रचार लगने लगे।
गहलोत ने कहा कि वह उपराष्ट्रपति धनखड़ का बहुत सम्मान करते हैं और उनके साथ अच्छे व्यक्तिगत संबंध भी हैं।
उन्होंने कहा, “कल वह पांच जिलों में गए। एक ही दिन के अंदर पूरा राजस्थान छान मारा। ऐसा कभी होता है? आप जहां जा रहे हैं तो मिलने कौन आ रहा है? आपसे भाजपा के तमाम स्थानीय नेता मिलने आ रहे हैं? तो (आप) क्या संदेश देना चाहते हैं?”
उन्होंने कहा, “कल (भविष्य में) अगर धनखड़ राष्ट्रपति बनते हैं तो हमारे लिए गर्व की बात होगी। लेकिन आप प्रचार करने निकलेंगे तो हम कहेंगे कृपया कर के हमें बख्श दें । आप निष्पक्ष जनता को फैसला करने दें।”
गहलोत ने कहा,“ लोकतंत्र में जनता ही माइबाप होती है। अगर उनकी (जनता) अंतरात्मा कहेगी कि हमने कुछ काम किए हैं तो हमें आशीर्वाद मिलेगा ...हमने काम नहीं किए तो हमें (आशीर्वाद) नहीं मिलेगा। साफ बात है।”
बाद में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भी गहलोत ने इसको लेकर टिप्पणी की और कहा कि राजस्थान में चुनाव के इस समय में अगर उपराष्ट्रपति बार बार आएंगे तो 'संदेश कई तरह के जाएंगे, जो लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं होगी।”
राज्य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। उपराष्ट्रपति धनखड़ मूल रूप से राजस्थान के ही हैं।
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